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Friday, 27 December 2013

मूली खाने के फायदे

मूली ठंड के मौसम में आने वाली एक ऐसी सब्जी है जो सलाद के रूप में बहुत पसंद की जाती है। नियमित रूप से मूली खाने से चेहरे की लालिमा बढ़ती है। इसे खाने से खाना जल्दी पच जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है। मूली में विटामिन ए भी होता है।

हार्ट से संबंधित बीमारी से ग्रस्त लोगों व कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए मूली का सेवन लाभदायक होता है। ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए मूली का सलाद के रूप में नियमित रूप से सेवन अच्छा माना गया है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।



सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। मूली शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर ऑक्सीजन प्रदान करती है। मूली हमारे दांतों और हड्डियों को मजबूत करती है। थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है।


मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है। मूली के पत्ते काटकर नींबू निचोड़ के खाने से पेट साफ होता है व स्फूर्ति रहती है। पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से  पीएं तो भूख बढ़ती है। पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है।

मूली के पतले कतरे सिरके में डालकर धूप में रखें, रंग बादामी हो जाने पर खाइए। इससे भूख बढ़ती है।मूली के रस में नमक मिलाकर पीने से पेट का भारीपन, अफरा, मूत्ररोग दूर  होते हैं।




 
 

Wednesday, 25 December 2013

स्वप्नदोष की समस्या के लिए

साबूत अनाज को भिगोकर अंकुरित कर खाने से न सिर्फ शरीर में खून बढ़ता है व साथ ही इसके नियमित सेवन से स्वप्नदोष की समस्या कम हो जाती है।
अजवाइन की पत्तियां स्वप्नदोष की समस्या के लिए एक बेहतरीन दवा है। अजवाइन की पत्तियों का जूस निकालकर उसे शहद के साथ लें। अजवाइन का रस इस तरह से लेने से बहुत जल्दी लाभ होता है।

कच्चे प्याज का सेवन स्वप्नदोष की समस्या में बहुत अच्छा माना गया है।  खाने में किसी भी रूप में प्याज का सेवन किया जाए तो इस समस्या में लाभ पहुंचता है साथ ही अगर इसे कच्चा खाया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। 

Sunday, 15 December 2013

अखरोट खाने के फायदे

अखरोट का सेवन यादादाश्त को दुरुस्त करने और मानसिक थकान को कम करने में उपयोगी माना जाता है।

अखरोट ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।

अखरोट खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और पेट संबधी समस्याओं को दूर करता है।

इसके नियमित सेवन से बाल व स्किन दोनों हेल्दी रहते हैं।

सर्दियों में अखरोट के नियमित सेवन से गहरी नींद आती है।

रोजाना अखरोट का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

रोजाना अखरोट खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं साथ ही यह दांतों के लिए भी अच्छा होता है।

अखरोट दिल से संबंधित बीमारियों को दूर रखता है।

 

Thursday, 12 December 2013

करेला खाने के फायदे

सांस संबंधी समस्या:

ताजा करेले से अस्थमा, सर्दी और खांसी जैसी सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

लीवर को रखे निरोग:

अगर आपको लीवर की समस्या है तो फिर आप हर दिन एक ग्लास करेले का जूस पीएं।

दूध पीने के फायदे

दूध पीने से कंट्रोल में रहेगा मोटापा:

कितना पीएं : रोज एक कप दूध सुबह-शाम पीना सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। फलों के साथ भी दूध पीना फायदेमंद होता है।

क्यों पीएं...

1 . दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही इससे दांतों को भी मजबूती मिलती है और उनमें चमक आती है।

2 . कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक होते हैं। ये तीनों तत्व दूध में पाए जाते हैं, इसलिए दूध से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित किया जा सकता है। इससे रक्त संचार भी ठीक होता है और दिल अच्छे से काम करता है।

3 .शोधों में यह साबित हो चुका है कि रोजाना दूध पीने वाले लोगों का वजन नियंत्रित रहता है। दूध में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व शरीर को ऊर्जा देते हैं और मोटापे को तेजी से बढ़ने से रोकते भी हैं।


आंवला खाने के फायदे

बाल झड़ना कम करेगा आंवला:

आंवला खाने से पेट के रोगों से निजात मिलती है। इससे त्वचा के रोगों से भी बचा जा सकता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

कितना खाएं : रोजाना दो मध्यम आकार के आंवले खाना बेहतर होगा। इसके स्थान पर आंवले के एक चम्मच पाउडर का भी सेवन किया जा सकता है।

क्यों खाएं:

1. आंवला विटामिन सी का बहुत अच्छा सोर्स होता है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। रोजाना आंवले का सेवन करने से त्वचा के रोगों से भी बचा जा सकता है।

2. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट से शरीर को ठीक से फंक्शन करने में मदद मिलती है। आंवले में पाए जाने वाले फाइबर की वजह से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।

3. आंवले से इंफ्लेमेशन को कम किया जा सकता है। आंवले में पाए जाने वाले एसिड्स गैस की परेशानी से निजात दिलाने में सक्षम होते हैं। आंवला खाने से बाल झड़ने की समस्या भी कम होती है।

4. रक्तचाप को क़ाबू में रखने के साथ ही पाचन क्रिया सुचारू रखता है और दिल की बीमारियों से भी बचाता है।

पालक खाने के फायदे

पालक खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। साथ ही इसके सेवन से कैंसर से लड़ने की क्षमता मिलती है।

क्यों खाएं पालक

1.
पालक में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड्स से शरीर में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा बढ़ती है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। ये कैंसर से लड़ने में भी मददगार साबित होते हैं।

2 . इसमें बड़ी मात्रा में आयरन पाया जाता है। इससे खून साफ होता है और हीमोग्लोबिन बढ़ता है। इसमें विटामिन ए और सी भी भरपूर होते हैं। इनसे दिल की बीमारी से लड़ना ज्यादा आसान होता है।

3 . पालक को बहुत अच्छा इंफ्लेमेटरी माना जाता है। इससे आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, माइग्रेन जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

कितना खाएं : हर दिन सलाद में 50 से 100 ग्राम पालक खाना बेहतर होगा। पालक की सब्जी बनाकर खाने से भी लाभ मिलता है।

Tuesday, 10 December 2013

चोट के निशान

अंदरूनी चोट लग जाने के कारण पड़ने वाले नीले निशानों को कम करने के लिए उस स्थान पर कच्चे आलू को पीसकर लगाएं। दाग मिट जाएंगे।

शरीर में खून की कमी की समस्या से निजात

रोजाना खाने के दौरान चुकंदर का सलाद खाना चाहिए। इससे शरीर में खून की कमी की समस्या से निजात मिलती है। दिन में कम से कम 50 ग्राम चुकंदर खाना चाहिए।

कोलोन (आंतों) में इन्फेक्शन

पपीते का जूस नियमित रूप से पीना चाहिए। इसकी एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी से कोलोन (आंतों) में इन्फेक्शन होने की आशंका कम हो जाती है।

पीठ में दर्द होने पर

पीठ में दर्द होने पर लहसुन के तेल से मालिश करनी चाहिए। इससे दर्द ही नहीं, बल्कि अकड़न की समस्या से भी राहत मिलती है।

Sunday, 8 December 2013

शकरकंद, स्ट्राबैरी, मशरूम, लहसुन, पालक, गाजर, चने, अदरक के फायदे

शकरकंद : इसमें बहुत अधिक मात्रा में बीटा कैरोटीन पाया जाता है। शरीर इसे विटामिन ए में बदलता है। विटामिन ए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत कारगर होता है।

स्ट्राबैरी : स्ट्राबैरी, ब्लैकबैरी, ब्ल्यूबैरी जैसे फलों को डाइट में शामिल करने से इ?यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। इनमें बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी और ई पाया जाता है। बैरीज को दही के साथ खाना बहुत लाभकारी होता है।

मशरूम : इसमें मौजूद पोषक तत्व श्वेत रक्त कणिकाओं को बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसा होने से शरीर को रोगों से लड़ने के लिए अतिरिक्त शक्ति मिलती है। मशरूम के सेवन से बीमारियों का सामना बहुत कम करना पड़ता है।

लहसुन : इसके सेवन से सर्दी से सुरक्षा होती है। इससे दिल के रोगों के प्रति भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। लहसुन खाना ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।

पालक : पालक में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है। इसके साथ ही पालक विटामिन ए, सी और के का भी अच्छा स्रोत होता है। इससे शरीर के इम्यून पॉवर को बढ़ाया जा सकता है।

गाजर : गाजर खाना सर्दी-जुकाम से लड़ने का सबसे अरसकारक माध्यम हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन सर्दी से लड़ने की अतिरिक्त शक्ति देता है। इससे शरीर का इम्यून पॉवर बढ़ती है।

चने : चने में पाया जाने वाला फाइबर पाचन तंत्र को मजबूती देता है। इससे पेट के रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम और सोडियम इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

अदरक : सर्दी में होने वाली सामान्य बीमारियों से बचने के लिए अदरक का इस्तेमाल बेहतर होगा। अदरक खाने से जुकाम जैसे इंफेक्शन्स से बचाव के लिए शरीर को अतिरिक्त शक्ति मिलती है।


गर्म पानी पीने के फायदे

अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी।

लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल इस दौरान होने वाले पैन में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है।

गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कते खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।

भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पीएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।

खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से उत्पन्न रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं।

गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है। दरअसल गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर की सारे जहरीले तत्व बाहर हो जाते हैं।

बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।

यदि शरीर के किसी हिस्से में गैस के कारण दर्द हो रहा हो तो एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस बाहर हो जाती है।

अधिकांश पेट की बीमारियां दूषित जल से होती हैं यदि पानी को गर्म कर फिर ठंडा कर पीया जाए तो  जो पेट की कई अधिकांश बीमारियां पनपने ही नहीं पाएंगी।

गर्म पानी पीना बहुत उपयोगी रहता है इससे शक्ति का संचार होता है। इससे कफ  और सर्दी संबंधी रोग बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।



दमा ,हिचकी ,खराश आदि रोगों में और तले भुने पदार्थों के सेवन के बाद  गर्म पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।

सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है। गर्म पानी व नींबू का कॉम्बिनेशन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।साथ ही पी.एच. का स्तर भी सही बना रहता है।

रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिए एक गजब के टॉनिक  का काम करता है। सिर के स्केल्प को हाइड्रेट करता है जिससे स्केल्प ड्राय होने की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है।

वजन घटाने में भी गर्म पानी बहुत मददगार होता है। खाने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से मेटॉबालिम्म बढ़ता है। यदि गर्म पानी में थोड़ा नींबू व कुछ बूंदे शहद की मिला ली जाएं तो इससे बॉडी स्लिम हो जाती है।

हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी एक बेहतरीन औषधि का काम करता है।


Thursday, 5 December 2013

दमा (अस्थमा)

दमा के रोगियों को गोखरू के फल और अंजीर के फ़ल समान मात्रा में लेकर कूटना चाहिए और दिन में तीन बार लगभग 5 ग्राम मात्रा का सेवन करना चाहिए, दमा ठीक हो जाता है।

लहसुन की 2  कच्ची कलियां सुबह खाली पेट चबाने के बाद आधे घण्टे से मुलेठी नामक जड़ी-बूटी का आधा चम्मच सेवन दो महीने तक लगातार करने से दमा जैसी घातक बीमारी से सदैव की छुट्टी मिल जाती है।

अस्थमा के रोगी को यदि अजवायन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फ़ायदा होता है।

अस्थमा को दूर करने के लिए अडूसा की पत्तियों के रस को शहद में मिलाकर रोगी को दिया जाता है।

लगभग 50 ग्राम अंगूर का रस गर्म करके स्वास या दमा के रोगी को पिलाया जाए तो साँस लेने की गति सामान्य हो जाती है।

गेंदा के फ़ूलो को सुखा लिया जाए और इसके बीजों को एकत्र कर मिश्री के दानों के साथ समान मात्रा (5 ग्राम प्रत्येक) का सेवन कुछ समय तक दिन में दो बार किया जाए तो दमा और खांसी के मरीज को काफी फायदा होता है।

पान के पत्तों के साथ अशोक के बीजों का चूर्ण की एक चम्मच मात्रा चबाने से सांस फूलने की शिकायत और दमा में आराम मिलता है।

पालक के एक गिलास जूस में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से दमा और श्वास रोगों में खूब लाभ मिलता है।

फेफड़ों पर इसके प्रभाव के चलते क्रोनिक ब्रोन्काइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए प्राचीन काल से वच नामक जडी का प्रयोग किया जाता है। वच के टुकडों को चूसते रहने और प्रतिदिन वच की चाय पीने से असर काफी तेज होता है।

अस्थमा की समस्या से निजात पाने के लिए रोज सुबह 30 एमएल दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालकर खाएं। अस्थमा में  होने वाली सांस की परेशानी दूर होगी।




सांस लेने मे तकलीफ़ की समस्या

यदि अजवायन के बीजों को भूनकर एक सूती कपड़े मे लपेट लिया जाए और रात तकिए के नजदीक रखा जाए तो दमा, सर्दी,खांसी  के रोगियों को रात को नींद में सांस लेने मे तकलीफ़ नही होती है।

इलायची खाने से होने वाले लाभ

बड़ी इलायची खाने से खांसी, दमा, हिचकी आदि रोगों से छुटकारा मिलता है। बडी इलायची, खजूर व अंगूर की समान मात्रा लेकर, कुचलकर शहद में चाटने से खांसी, दमा और कमजोरी दूर होती है।


Wednesday, 4 December 2013

लहसुन से होने वाले लाभ

प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं।

लहसुन के नियमित सेवन से झुर्रियां कम हो जाएंगी और नए सेल्स बनने से त्वचा चमकदार बनेगी। साथ ही सेहत भी अच्छी रहेगी।

लहसुन का तेल हथेली व पैरों के तलवों पर लगाने से मच्छर पास नहीं आते व स्किन सॉफ्ट हो जाती है।

लहसुन में एंटीबैक्टिरियल तत्व पाए जाते हैं इसीलिए पिंपल्स की समस्या हो तो इसका सेवन सेहत पर बेहतर असर दिखाता है। पिंपल पर लहसुन की स्लाइस लेकर हल्के से रब करने पर पिंपल बहुत जल्दी बैठ जाता है।

लहसुन के नियमित सेवन से स्कीन में हुए संक्रमण भी समाप्त हो जाते है जैसे - रिंगवॉर्म या एथलीट फुट आदि।

लहसुन, शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ा देती है जिससे डायबिटीज की बीमारी में राहत मिलती है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है।

कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए लहसुन फायदेमंद होता है। यह खून को पतला करने में सहायक होते है और शरीर में खून के थक्के बनने से रोकता है। इससे चोट लगने के बाद, खून बहने का डर भी नहीं रहता है।

लहसुन दिल को ऑक्सीजन रेडीकल्स के प्रभाव से बचाता है ताकि हार्ट को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके सल्फर युक्त यौगिक हमारी खून की वाहिकाओं को अवरूद्ध होने से बचाता है जिसकी वजह से एथ्रेरोस्लेरोसिस की दिक्कत खत्म हो जाती है। लहसुन की एंटी - क्लॉटिंग प्रॉपर्टी, रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के बनाने से रोकती है।

सरसों के तेल में लहसुन की कलियां डालकर उबाल लें। इस तेल को कान में डालने से कानदर्द की समस्या खत्म हो जाती है।

अपने रोजाना के खाने में लहसुन शामिल कर लेने से इम्युन पॉवर बढ़ता है। अगर मौसमी सर्दी या खांसी हो जाए तो लहसुन की चाय बनाकर लेने से राहत मिलती है।

ठंड या बदलते मौसम में अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को कफ और जुकाम जैसी परेशानी हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आप ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं से बड़ी ही आसानी से निजात पा सकते हैं।

लहसुन में एंटी - इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी होती है जिसकी मदद से एलर्जी को दूर भगाया जा सकता है। लहसुन की एंटी - आर्थीटिक प्रॉपर्टी की सहायता से डायली सल्फाइड और थियासेरेमोनोने भी मेंटेन रहते है। इसमें एलर्जी से लडऩे वाले कई तत्व होते हैं। अगर लहसुन के जूस को पिया जाए तो रैसज या चकत्ते पडऩे की समस्या भी दूर हो जाती है।

लहसुन का नियमित सेवन करने से कैंसर होने का खतरा बहुत कम रहता है। लहसुन में एंटी - कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती है। 

लहसुन गम का भी काम करता है। लहसुन को क्रश करके उसका रस यदि किसी ग्लास के हेयर लाइन क्रेक पर लगाया जाए तो क्रेक भर जाता है।

सिरोसियस की समस्या में लहसुन रामबाण दवा की तरह काम करता है। सिरोसियस से प्रभावित स्थान पर लहसुन का तेल लगाने से स्किन स्मूथ और प्रॉब्लम फ्री हो जाती है।

लहसुन में डायली - सल्फाइड होता है जो फेरोपोरटिन की मात्रा को बढ़ा देता है और आयरन मेटाबोलिज्म में सुधार कर देता है।

नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसिडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करता है।

लहसुन को दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। लहसुन की कलियों को आग में भून कर खिलाने से बच्चों की सांस चलने की तकलीफ पर काफी काबू पाया जा सकता है। जिन बच्चों को सर्दी ज्यादा होती है उन्हें लहसुन की कली की माला बनाकर पहनाना चाहिए।

लहसुन के सेवन से हमेशा कामोत्तेजना बनी रहती है, क्योंकि यह बॉडी में अच्छी तरह से परिसंचरण को बढ़ाता है।

लहसुन के सेवन से वजन को घटाया जा सकता है, क्योंकि इसमें हमारे शरीर में बनने वाली वसा कोशिकाओं को विनियमित करने की क्षमता है जिससे वजन आसानी से घट जाता है।

गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। गर्भवती महिला को अगर उच्च रक्तचाप की शिकायत हो तो, उसे पूरी गर्भावस्था के दौरान किसी न किसी रूप में लहसुन का सेवन करना चाहिए।

लहसुन के सेवन से वायरल, फंगल, यीस्ट और वॉर्म संक्रमण भी नहीं होता है। ताजे लहसुन के सेवन से फूड पॉयजिनिंग होने का खतरा नहीं रहता है।

लहसुन गठिया और अन्य जोड़ों के रोग में भी लहसुन का सेवन बहुत ही लाभदायक है।

जिनके शरीर में रक्त की कमी है, उन्हें लहसुन का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसमें पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होता है जो कि रक्त निर्माण में सहायक होता है। लहसुन में विटामिन सी होने से यह स्कर्वी रोग से भी बचाता है।

लहसुन के नियमित सेवन से सांस की समस्या में आराम मिलता है, इससे सर्दी - जुकाम में राहत मिलती है। इसके एंटी - बैक्टीरियल तत्व, गले में होने वाले संक्रमण को भी दूर भगाता है। श्वास सम्बंधी कई समस्याएं जैसे - अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ आदि के लिए लहसुन रामबाण दवा है। इसके सेवन से कई गंभीर समस्याओं का समाधान भी हो जाता है।

लहसुन खाने से बाल झडऩा बंद हो जाते हैं। लहसुन में एलिसीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। साथ ही सल्फर भी उपस्थित होता है। लहसुन को पीसकर स्केल्प पर लगाने से भी हेयर लॉस कम हो जाता है।

लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। दांतों में दर्द होने पर लहसुन को कच्चा पीसकर दांतों पर रख लें, इससे तुंरत आराम मिलेगा, क्योंकि लहसुन में एंटी - बैक्टीरियल तत्व होते है जो दांत पर सीधा प्रभाव डालते हैं।

लहसुन एक नेचुरल पेस्टीसाइड का भी काम करता है। लहसुन, मिनरल ऑइल, पानी और लिक्विड साबून को मिलाकर एक नेचुरल कीटनाशक बनाया जा सकता है। 

लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।

लहसुन का सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मौसमी बीमारियों में तो फायदेमंद होता ही है। साथ ही पांच साल तक के बच्चों में होने वाले प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत फायदा करता है। 



उल्टी होने पर

उल्टी होने पर पकी इमली को पाने में भिगोए और इस इमली के रस को पिलाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।

लगातार उल्टी हो रही हो तो सफेद चमेली के 10 ग्राम पत्तों के रस को 2 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण में मिलाकर सेवन करें। उल्टी बंद हो जाएगी।

भूख ना लगने की शिकायत

पके हुए इमली के फलों को पानी के साथ मसलकर रस तैयार किया जाता है और हल्की सी मात्रा में काला नमक डालकर सेवन किया जाए तो भूख लगने लगती है। प्रतिदिन दो बार ऐसा करने से भूख ना लगने की शिकायत दूर हो जाती है।

पचास ग्राम चावल पकाएं। फिर इसमें दूध मिलाकर 20 मिनट तक रखा रहने दें। इसे खाने से भूख न लगने की परेशानी से निजात मिलती है।

पीलिया

इमली की पत्तियों और फूल को एकत्र कर पानी के साथ उबालकर काढा तैयार जाए और इसे पीलिया रोगी को दिया जाए तो उसे राहत मिलती है। माना जाता है कि इस काढे का सेवन एक सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार करने से पीलिया में काफी फायदा करता है।

सीने में जलन



सीने में जलन होने पर पकी इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीएं सीने की जलन कम हो जाती है।
 

बुखार

पके हुए इमली के फलों के रस की करीब 15 ग्राम मात्रा बुखार से पीडि़त रोगी को दिया जाए तो बुखार उतर जाता है। इस रस में इलायची और कुछ मात्रा में खजूर भी मिला दिया जाए तो ज्यादा असरकारक होता है।

नपुंसकता

इमली के बीज दूध में इतना उबाल लें कि उसका छिलका आसानी से उतर जाए। फिर उसका छिलका उतारकर सफेद गिरी को बारीक पीस ले और घी में भून लें, इसके बाद सामान मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें।रोजाना थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करें नपुसंकता की समस्या दूर हो जाएगी।

अजवायन और इमली के बीज व गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लें।इसकी कुछ मात्रा रोजाना  लेने से पुरुषों की नपुसंकता दूर होती है।

लगभग 500 ग्राम इमली 4 दिन के लिए पानी में भिगो दें। उसके बाद इमली के छिलके उतारकर छाया में सुखाकर पीस लें। उसके बाद 500 ग्राम के लगभग मिश्री मिलाकर एक चौथाई चाय की चम्मच चूर्ण (मिश्री और इमली मिला हुआ) दूध के साथ प्रतिदिन दो बार लगभग 50 दिनों तक लेने से लाभ होगा।

नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी चबाना चाहिए। इस  इस समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है।
 
प्याज के सफेद कंद का रस, शहद, अदरक रस और घी का मिश्रण 21 दिनों तक लगातार लेने से नपुंसकता दूर होकर पौरूषत्व प्राप्त होता है।