प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ
आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ
मिल जाते हैं।
लहसुन के नियमित सेवन से झुर्रियां कम हो जाएंगी और नए सेल्स बनने से त्वचा चमकदार बनेगी। साथ ही सेहत भी अच्छी रहेगी।
लहसुन का तेल हथेली व पैरों के तलवों पर लगाने से मच्छर पास नहीं आते व स्किन सॉफ्ट हो जाती है।
लहसुन के नियमित सेवन से झुर्रियां कम हो जाएंगी और नए सेल्स बनने से त्वचा चमकदार बनेगी। साथ ही सेहत भी अच्छी रहेगी।
लहसुन का तेल हथेली व पैरों के तलवों पर लगाने से मच्छर पास नहीं आते व स्किन सॉफ्ट हो जाती है।
लहसुन में एंटीबैक्टिरियल तत्व पाए जाते हैं इसीलिए पिंपल्स की समस्या हो
तो इसका सेवन सेहत पर बेहतर असर दिखाता है। पिंपल पर लहसुन की स्लाइस लेकर
हल्के से रब करने पर पिंपल बहुत जल्दी बैठ जाता है।
लहसुन के नियमित सेवन से स्कीन में हुए संक्रमण भी समाप्त हो जाते है जैसे - रिंगवॉर्म या एथलीट फुट आदि।
लहसुन, शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ा देती है जिससे डायबिटीज की
बीमारी में राहत मिलती है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है।
कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए लहसुन फायदेमंद होता है। यह खून को पतला करने
में सहायक होते है और शरीर में खून के थक्के बनने से रोकता है। इससे चोट
लगने के बाद, खून बहने का डर भी नहीं रहता है।
लहसुन दिल को ऑक्सीजन रेडीकल्स के प्रभाव से बचाता है ताकि हार्ट को कोई
नुकसान न पहुंचे। इसके सल्फर युक्त यौगिक हमारी खून की वाहिकाओं को अवरूद्ध
होने से बचाता है जिसकी वजह से एथ्रेरोस्लेरोसिस की दिक्कत खत्म हो जाती
है। लहसुन की एंटी - क्लॉटिंग प्रॉपर्टी, रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के
बनाने से रोकती है।
सरसों के तेल में लहसुन की कलियां डालकर उबाल लें। इस तेल को कान में डालने से कानदर्द की समस्या खत्म हो जाती है।
अपने रोजाना के खाने में लहसुन शामिल कर लेने से इम्युन पॉवर बढ़ता है। अगर
मौसमी सर्दी या खांसी हो जाए तो लहसुन की चाय बनाकर लेने से राहत मिलती
है।
ठंड या बदलते मौसम में अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को कफ और जुकाम जैसी
परेशानी हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते हैं
तो आप ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं से बड़ी ही आसानी से निजात पा सकते हैं।
लहसुन में एंटी - इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी होती है जिसकी मदद से एलर्जी को
दूर भगाया जा सकता है। लहसुन की एंटी - आर्थीटिक प्रॉपर्टी की सहायता से
डायली सल्फाइड और थियासेरेमोनोने भी मेंटेन रहते है। इसमें एलर्जी से लडऩे
वाले कई तत्व होते हैं। अगर लहसुन के जूस को पिया जाए तो रैसज या चकत्ते
पडऩे की समस्या भी दूर हो जाती है।
लहसुन का नियमित सेवन करने से कैंसर होने का खतरा बहुत कम रहता है। लहसुन में एंटी - कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती है।
लहसुन गम का भी काम करता है। लहसुन को क्रश करके उसका रस यदि किसी ग्लास के हेयर लाइन क्रेक पर लगाया जाए तो क्रेक भर जाता है।
सिरोसियस की समस्या में लहसुन रामबाण दवा की तरह काम करता है। सिरोसियस से
प्रभावित स्थान पर लहसुन का तेल लगाने से स्किन स्मूथ और प्रॉब्लम फ्री हो
जाती है।
लहसुन में डायली - सल्फाइड होता है जो फेरोपोरटिन की मात्रा को बढ़ा देता है और आयरन मेटाबोलिज्म में सुधार कर देता है।
नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसिडिटी और गैस्टिक ट्रबल
में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को
भी नियंत्रित करता है।
लहसुन को दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती
है। लहसुन की कलियों को आग में भून कर खिलाने से बच्चों की सांस चलने की
तकलीफ पर काफी काबू पाया जा सकता है। जिन बच्चों को सर्दी ज्यादा होती है
उन्हें लहसुन की कली की माला बनाकर पहनाना चाहिए।
लहसुन के सेवन से हमेशा कामोत्तेजना बनी रहती है, क्योंकि यह बॉडी में अच्छी तरह से परिसंचरण को बढ़ाता है।
लहसुन के सेवन से वजन को घटाया जा सकता है, क्योंकि इसमें हमारे शरीर में
बनने वाली वसा कोशिकाओं को विनियमित करने की क्षमता है जिससे वजन आसानी से
घट जाता है।
गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। गर्भवती महिला
को अगर उच्च रक्तचाप की शिकायत हो तो, उसे पूरी गर्भावस्था के दौरान किसी न
किसी रूप में लहसुन का सेवन करना चाहिए।
लहसुन के सेवन से वायरल, फंगल, यीस्ट और वॉर्म संक्रमण भी नहीं होता है।
ताजे लहसुन के सेवन से फूड पॉयजिनिंग होने का खतरा नहीं रहता है।
लहसुन गठिया और अन्य जोड़ों के रोग में भी लहसुन का सेवन बहुत ही लाभदायक है।
जिनके शरीर में रक्त की कमी है, उन्हें लहसुन का सेवन अवश्य करना चाहिए,
इसमें पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होता है जो कि रक्त निर्माण में सहायक
होता है। लहसुन में विटामिन सी होने से यह स्कर्वी रोग से भी बचाता है।
लहसुन के नियमित सेवन से सांस की समस्या में आराम मिलता है, इससे सर्दी -
जुकाम में राहत मिलती है। इसके एंटी - बैक्टीरियल तत्व, गले में होने वाले
संक्रमण को भी दूर भगाता है। श्वास सम्बंधी कई समस्याएं जैसे - अस्थमा,
सांस लेने में तकलीफ आदि के लिए लहसुन रामबाण दवा है। इसके सेवन से कई
गंभीर समस्याओं का समाधान भी हो जाता है।
लहसुन खाने से बाल झडऩा बंद हो जाते हैं। लहसुन में एलिसीन की उच्च मात्रा
पाई जाती है। साथ ही सल्फर भी उपस्थित होता है। लहसुन को पीसकर स्केल्प पर
लगाने से भी हेयर लॉस कम हो जाता है।
लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। दांतों में दर्द होने
पर लहसुन को कच्चा पीसकर दांतों पर रख लें, इससे तुंरत आराम
मिलेगा, क्योंकि लहसुन में एंटी - बैक्टीरियल तत्व होते है जो दांत पर सीधा
प्रभाव डालते हैं।
लहसुन एक नेचुरल पेस्टीसाइड का भी काम करता है। लहसुन, मिनरल ऑइल, पानी और
लिक्विड साबून को मिलाकर एक नेचुरल कीटनाशक बनाया जा सकता है।
लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद
मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।
लहसुन का सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मौसमी बीमारियों में
तो फायदेमंद होता ही है। साथ ही पांच साल तक के बच्चों में होने वाले
प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत फायदा करता है।
0 comments:
Post a Comment