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Thursday, 28 November 2013

मर्दाना शक्ति

पुरुषों में शक्ति और यौवन बनाए रखने के लिए उडद एक बेहतर उपाय है, इस हेतु इसकी दाल का पानी के सेवन की सलाह दी जाती है। यह भी माना जाता है कि इसकी दाल पकाकर प्रतिदिन खाना चाहिए। पोटेशियम की अधिकता की वजह से आधुनिक विज्ञान भी इसे मर्दाना शक्ति बढाने वाला मानता है।

छुई-मुई के बीजों के चूर्ण (3 ग्राम) को दूध के साथ मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले लिया जाए तो शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।

मेथी को इस समस्या की बहुत कारगर दवा माना गया है। दो चम्मच मेथी के जूस में आधा चम्मच शहद मिलाकर उस घोलकर रोजाना रात को लेने पर इस समस्या में बहुत जल्दी आराम हो जाता है।

रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। इसके बाद थोड़ा सा पानी पीएं। आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद थोड़ा-सा पानी पीएं।

बहुत अधिक गरिष्ट भोजन जैसे ज्यादा ऑयली फूड , पिज्जा, बर्गर जैसे फॉस्ट फू ड भी इसका एक बड़ा कारण है। अधिक घी-दूध, मेवे-मिठाई, पौष्टिक चीजें आदि का सेवन करना भी आयुर्वेद की दृष्टी से अच्छा नहीं माना गया है।

पुर्ननवा का वानस्पतिक नाम बोहराविया डिफ्यूसा है।  पुर्ननवा की ताजी जड़ो का रस (2 चम्मच) दो से तीन माह तक लगातार दूध के साथ सेवन करने से वृद्ध व्यक्ति भी युवा की तरह महसूस करता है।

तिल का तेल भी इस समस्या में रामबाण की तरह काम करता है। तिल के तेल को जितनी मात्रा में ले उतनी ही मात्रा में लौकी का जूस भी लें। रात को सोने से पहले इस तेल के  मिश्रण की मसाज अपने सिर और बॉडी पर करें। यह एक बहुत प्रभावी नुस्खा है जो बिना बहुत अधिक खर्च किए भी आपको इस समस्या से पूरी तरह राहत दिलवाएगा।

अपचन

उडद की दाल का सेवन अक्सर करना चाहिए इसके सेवन से मल त्याग आसानी से होता है।

ल्युकोडर्मा (सफ़ेद दाग)

उड़द के आटे की लोई तैयार करके दागयुक्त त्वचा पर लगाया जाए और फ़िर नहा लिया जाए तो ल्युकोडर्मा (सफ़ेद दाग) जैसी समस्या में आराम मिलता है।

टायफाइड

एक गिलास पानी में चार-पांच लौंग डालकर उबालें। ठंडा करके दिन में दो-तीन बार सेवन करें। कुछ दिनों में पीड़ित को आराम मिलने लगेगा।

टायफाइड होने पर पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से मौसंबी का जूस पीना चाहिए। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स से प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

डेंड्रफ, गंजापन, बालों के पकने और झडऩे की समस्या से छुटकारा

उड़द दाल को उबालकर पीस लिया जाए और इसका लेप रात सोने के समय सिर पर कर लिया जाए तो गंजापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है और नए बालों के आने की शुरुआत हो जाती है।

जटामांसी की जड़ों को नारियल के तेल के साथ उबालकर ठंडा होने के बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले इससे मालिश की जाए तो असमय बालों का पकना और झडऩा रुक जाता है।

नमक का अधिक सेवन करने से गंजापन आ जाता है। नमक, काली मिर्च एक-एक चम्मच व नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने से बाल आ जाते हैं।

बाल झड़ते हैं तो हल्के गर्म जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गुनगुने पानी से सिर को धोएं। कुछ ही दिनों बाल झडऩे की समस्या दूर हो जाएगी।

आंवला के फलों का चूर्ण दही में मिलाकर हल्के-हल्के हाथों से सिर पर मालिश करें और 5 मिनट बाद गुनगुने पानी से बालों को साफ कर लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से बाल स्वस्थ हो जाते हैं और डेंड्रफ भी दूर हो जाता है।

कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से बालों को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडऩा बंद हो जाते हैं और घने होना शुरू हो जाते हैं।

नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झडऩा बंद हो जाता है।

गेंदे  के फूलों का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर उससे हल्की-हल्की मालिश करके नहा लिया जाए तो सिर में हुए किसी भी तरह के संक्रमण, फोड़े- फुंसियों में आराम मिल जाता है।

बहेड़ा के बीजों के चूर्ण को नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर गुनगुना गर्म किया जाए और इस तेल को बालों पर लगाया जाए तो बाल चमकदार हो जाते हैं। बालों की जड़ें भी मजबूत हो जाती हैं। बालों की समस्याओं में हर्बल जानकारों के अनुसार त्रिफला का सेवन हितकर माना गया है।

गुड़हल के रस को नहाने से 10 मिनिट पहले सिर पर लगाया जाए तो इससे बालों के काला होने में मदद मिलती है। यह एक बेहतरीन कंडीशनर की तरह काम करता है।

शिकाकाई के बीजों को कुचलकर, एक कटोरे में लेकर पानी में डुबो दिया जाए और सारी रात रख दिया जाए। सुबह इस पानी से बालों की धोया जाए तो ये एक नेचुरल शैम्पू की तरह काम करता है। आदिवासी जानकारों के अनुसार इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाने के साथ, बालों का दोमुंहा होना बंद कर देता है।

तिल के तेल से बालों की मालिश करना बेहतर माना जाता है। आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए तो तिल के तेल में थोड़ी-सी मात्रा गाय के घी और अमरबेल के चूर्ण में मिला ली जाए और सिर पर रात में सोने से पहले लगा लिया जाए तो बाल चमकदार, खूबसूरत होने के साथ घने हो जाते हैं और यही फार्मूला गंजेपन को रोकने में मदद भी करता है।

मेथी की सब्जी का ज्यादा सेवन बालों की सेहत के लिए उत्तम माना जाता है। मेथी के बीजों का चूर्ण तैयार करके पानी के साथ मिलाया जाए और पेस्ट बना लिया जाए। इस पेस्ट को सिर पर लेप करके आधे घंटे के लिए छोड़ दिया जाए और बाद में इसे धो लिया जाए। ऐसा करने से बालों से डेंड्रफ खत्म हो जाते हैं। ऐसा सप्ताह में कम से कम दो बार किया जाना चाहिए।

सहजन की पत्तियों के  रस को लगा कर प्रतिदिन नहाने से  सिर से रूसी या डेंड्रफ खत्म हो जाती है। इस रस का इस्तेमाल कम से कम एक सप्ताह तक करना जरूरी है। सहजन की फलियों को उबालकर पल्प तैयार किया जाए और नहाते वक्त इस पल्प को सिर पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जाए तो यह बाजार में उपलब्ध किसी भी विटामिन ई युक्त शैंपू से बेहतर साबित होगा। आधुनिक विज्ञान भी सहजन में पाए जाने वाले विटामिन ई को बालों के लिए लाभकारी मानता है। 

अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ  नदारद हो जाएगी, साथ ही बालों का झडऩे का सिलसिला भी कम हो जाता है। आम के पेड पर चढी हुई अमरबेल को उबालकर उस पानी से स्नान किया जाए तो गंजापन दूर होता है।


फोडे फुन्सियों, घाव और पके हुए जख्मों में आराम

फोडे फुन्सियों, घाव और पके हुए जख्मों पर उड़द के आटे की पट्टी बांधकर रखने से आराम मिलता है। दिन में 3-4 बार ऐसा करने से आराम मिल जाता है।

तिल को पीस लें। फिर इसे एक कपड़े में बांध दें। चोट लग जाने के कारण हुए घाव पर इसे पट्टी के तौर पर बांधने से घाव जल्दी भरता है।

शुगर

नारियल पानी का सेवन डायबिटिक के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें मौजूद पोषक तत्व, शरीर में शक्कर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।

वजन बढाने में सहायक

दुबले लोग यदि छिलके वाली उड़द दाल का सेवन करे तो यह वजन बढाने में मदद करती है। अपनी दोनो समय के भोजन में उड़द दाल का सेवन करने वाले लोग अक्सर वजन में तेजी से इजाफा देख सकते हैं। आदिवासी जानकारी के अनुसार इसका नियमित सेवन सेहत दुरुस्त करने के अलावा वजन बढाने में सहायक होता है।

गले की खराश

तुलसी के दस पत्तों को बारीक काट लें। इसमें थोड़ा-सा शहद और मुलैठी मिला लें। थोड़ी-थोड़ी देर में खाएं। गले की खराश दूर हो जाएगी।

जोड दर्द

छिलकों वाली उडद की दाल को एक सूती कपडे में लपेट कर तवे पर गर्म किया जाए और जोड दर्द से परेशान व्यक्ति के दर्द वाले हिस्सों पर सेंकाई की जाए तो दर्द में तेजी से आराम मिलता है। आदिवासी काली उडद को खाने के तेल में गर्म करते है और उस तेल से दर्द वाले हिस्सों की मालिश की जाती है। जिससे दर्द में तेजी से आराम मिलता है। इसी तेल को लकवे से ग्रस्त व्यक्ति को लकवे वाले शारीरिक अंगों में मालिश करनी चाहिए, फायदा होता है।

इमली की पत्तियों को पानी के साथ कुचलकर लेप तैयार किया जाए और जोड़ दर्द वाले हिस्सों या सूजन पर लगाया जाए तो सूजन में तेजी से आराम मिलता है।

जोड़ों के दर्द में एक गिलास गर्म पानी में नींबू निचोड़कर दिन में 8 से 10 बार पिएं। निश्चित रूप से आराम मिलेगा।

पेट दर्द

रोजाना सुबह खाली पेट एक सेब का सेवन करना चाहिए। इससे पेट दर्द से छुटकारा मिलता है। इससे आपका पाचन तंत्र भी सुधर जाता है।

Wednesday, 27 November 2013

पेट में कीड़े होने पर

पेट में कीड़े होने पर सुबह नाश्ते के समय एक चम्मच पिसा हुआ नारियल का सेवन करने से पेट के कीड़े बहुत जल्दी मर जाते हैं।

बालों में रूसी की समस्या के लिए

नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।

नींद न आने की समस्या

 नियमित रूप से रात के खाने के बाद आधा गिलास नारियल का पानी पीना चाहिए। इससे नींद न आने की समस्या खतम होती है और नींद अच्छी आती है।

मोटापा

मोटापा कम करने में नारियल बहुत फायदेमंद है। नारियल में कॉलेस्ट्रॉल और वसा नहीं होता है। इसलिए नारियल का सेवन करके वजन को घटाया जा सकता है।


मुहांसों से निजात

नारियल के पानी में खीरे का रस मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे मिटते हैं और चेहरा सुंदर एवं चमकदार होता है। नारियल के तेल में नींबू का रस अथवा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करने से भी मुहांसे समाप्त होते हैं।

उड़द की बिना छिलके की दाल को रात को दूध में भिगो दिया जाए और सुबह इसे बारीक पीस लिया जाए। इसमें कुछ बूंदें नींबू के रस और शहद की डालकर चेहरे पर लेप किया जाए तो एक घंटे बाद इसे धो लिया जाए। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से चेहरे के मुहांसे और दाग दूर हो जाते है और चेहरे में  नई चमक आ जाती है।

याद्दाश्त

नारियल खाने से याद्दाश्त बढ़ती है। नारियल की गरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर हर रोज खाने से स्मृति में बढ़ती है। बच्चों को नारियल खिलाना चाहिए, इससे बच्चों का दिमागी विकास होता है।

Tuesday, 26 November 2013

पेट से जुड़ी बीमारियां

पेट से जुड़ी दो-तीन खराब बीमारियां हैं, जैसे बवासीर, पाइल्स, हेमोरॉइड्स, फिसचुला, फिसर... इन सबके लिए मूली का रस बेहद कारगर है। एक कप मूली का रस पिएं। ऐसा खाना खाने के बाद (सुबह, दोपहर, शाम कभी नहीं) न करें, हर तरह का बवासीर सही हो जाता है। भगंदर, फिसचुला, फिसर भी इससे ठीक होता है। अनार का रस भी इसी तरह से ले सकते हैं।

बाल झड़ना

बालों को मजबूत करने के लिए नारियल के तेल में कुछ बूंदें नींबू के रस की मिलाकर रोजाना सिर की मालिश करने से बाल झड़ना कम होते हैं।

पाइल्स

पाइल्स से परेशान हों तो दूध का ताजा मक्खन और काला तिल लगभग एक ग्राम मिलाकर खाएं। नियमित सेवन करने से काफी फायदा होगा।

उडद की दाल का सेवन अक्सर करना चाहिए।

खांसी या जुकाम की समस्या

यदि खांसी से परेशान हों तो सौंफ काफी फायदा दे सकती है। 10 ग्राम सौंफ के अर्क को शहद में मिलाकर लीजिए। इससे खांसी आनी बंद हो जाएगी।

सर्दियों में यदि खांसी, बुखार या जुकाम की समस्या हो तो नमक या चीनी मिलाकर पुदीने के पत्तों की चाय पीएं। आपकी ये समस्याएं दूर हो जाएंगी।

पथरी

पित्त पथरी के मरीज हैं तो भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। इसमें कॉलेस्ट्रॉल कम होता है और प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलता है।

लो ब्लड प्रेशर

50 ग्राम चने और 10 ग्राम किशमिश को रात में पानी में भिगो दें। इसे सुबह चबा-चबाकर खाएं। सप्ताहभर ऐसा करने से लो ब्लड प्रेशर से राहत मिलेगी।

नकसीर (नाक से खून आना)

पानी में थोड़ी-सी फिटकरी घोल लें। इस पानी को नाक में डालने से नकसीर (नाक से खून आना) की समस्या से निजात मिलेगी।

नाक से खून निकलने पर कच्चे नारियल का पानी का सेवन नियमित रूप से करना फायदेमंद होता है। अगर खाली पेट नारियल का सेवन किया जाए तो खून का बहाव बंद हो जाता है।

Monday, 18 November 2013

इंफेक्शन

यूरिन इंफेक्शन होने पर जौ का पानी पीएं। जौ का पानी एसिड को घटाकर पेट को राहत पहुंचाता है और जलन कम हो जाती है।

ब्लड प्रेशर

उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण करने के लिए रोजाना सुबह लहसुन की दो कलियों को पानी के साथ चबाकर खाएं। सप्ताह में तीन बार लेने से रक्तचाप कम होगा।

कोलेस्ट्रॉल

रात को खड़े धनिया को पानी में भिगोकर रख दें। इस पानी को सुबह उठकर पी लें। धनिया भी चबाकर खाएं। ऐसा करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होगा।

पुराने गठिया रोग

गाउट और पुराने गठिया रोग में अदरक एक अत्यन्त लाभदायक औषधि है। अदरक लगभग (5 ग्राम) और अरंडी का तेल (आधा चम्मच) लेकर दो कप पानी में उबाला जाए ताकि यह आधा शेष रह जाए। प्रतिदिन रात्रि को इस द्रव का सेवन लगातार किया जाए तो धीमें धीमें तकलीफ़ में आराम मिलना शुरू हो जाता है। आदिवासियों का मानना है कि ऐसा लगातार 3 माह तक किया जाए तो पुराने से पुराना जोड़ दर्द भी छू-मंतर हो जाता है।

गठिया के मरीजों को दर्द से प्रभावित हिस्से की कैस्टर ऑइल से मसाज करनी चाहिए। इससे जोड़ों की तकलीफ कम हो जाएगी और सूजन से भी राहत मिलेगी।

पतला दस्त

दो चम्मच कच्ची सौंफ और 5 ग्राम अदरक एक ग्लास पानी में डालकर उसे इतना उबालें कि एक चौथाई पानी बच जाए। एक दिन में 3-4 बार लेने से पतला दस्त ठीक हो जाता है। गैस और कब्ज में भी लाभदायक होता है।

दस्त होने के हालात में कच्चे अदरक को चबा लिया जाए और हर 2- 2 घंटे के अंतराल से चबाया जाए तो बहुत जल्द आराम मिलता है।

दांत दर्द

दांतो में दर्द होते समय अदरक के छोटे टुकड़े दांतो के बीच में दबाकर रखने से दांतो में होने वाला दर्द खत्म हो जाता है, सूखे अदरक या सोंठ के चूर्ण में थोडा सा लौंग का तेल मिलाकर दांतो पर लगाया जाए तो भी दर्द छू मंतर हो जाता है।

मोच

मोच आ जाए तो अदरक का लेप लगाकर रखा जाए, जब लेप सूख जाए तो इसे साफ करके गुनगुने सरसों के तेल से मालिश करनी चाहिए, दिन में दो बार दो दिनों तक किया जाए, मोच का असर खत्म हो जाता है।

सूजन और दर्द

ताजे अदरक को पीसकर या कुचलकर लेप तैयार कर लिया जाए और इसमें थोडा सा कर्पूर भी मिला लिया जाए और सूजन और दर्द वाले अंगों पर लगाया जाए तो दर्द कम हो जाता है और सूजन भी कम हो जाती है।

मोटा होने के लिये

भोजन से 15 मिनिट पहले अदरक का एक टुकडा जरूर चबाना चाहिए

Wednesday, 13 November 2013

डायबीटीज

जामुन के बीज डायबीटीज में बहुत लाभदायक साबित होते हैं। जामुन की पत्तियों को चूसने से भी डायबीटीज में राहत मिलती है। जामुन का जूस भी लेना फायदेमंद होता है।

जामुन की गुठलियों को साफ करके इन्हें सुखा लें। गुठलियों को पीसकर इसका पाउडर बना लें। रोज एक चम्मच पानी के साथ खाने से डायबिटीज काबू में रहती है।

रोजाना तुलसी की पांच पत्तियां खाने से भी डायबीटीज कंट्रोल हो जाती है।

कैक्टस का जूस डायबीटीज के रोगियों के लिए लाभदायक होता है। कैक्टस का जूस ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखता है।

नीम भी डायबीटीज में रामबाण दवा है। नीम का सत्व या जूस सुबह लेने से डायबिटीज नियंत्रण में रहती है। साथ ही खून साफ होता है व स्किन प्रॉब्लम्स भी नहीं होती हैं।

अधिकतर लोग ईसबगोल का सिर्फ एक गुण जानते हैं वो है कब्ज मिटाना। मगर ईसबगोल डायबीटीज पेशन्ट्स के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। रोजाना ईसबगोल लेने से पेट भी साफ रहता है व डायबीटीज भी कंट्रोल में रहती है।




Sunday, 10 November 2013

अकरकरा

अकरकरा की जडों और फूलों का काढा मर्दांनगी बढाने में मददगार होता है, आदिवासियों के अनुसार प्रतिदिन इसके काढे की 4ग्राम मात्रा रात सोने से पहले लिया जाए तो फायदा होता है।

पातालकोट के आदिवासी मानते है कि अगर बच्चे की जीभ मोटी होने की वजह वह ठीक से ना बोल पाए तो उसे शहद के साथ अकरकरा के सूखे फ़ूलों का चूर्ण लगभग 250 मि.ग्रा दिन में दो बार चटाएं और उसकी जीभ पर चूर्ण मलें।

अश्वगंधा, पुनर्नवा और अकरकरा की समान मात्रा मिलाकर दिन में 2 बार सेवन किया जाए तो यह शरीर को मजबूती प्रदान करता है।

गर्म मसाला या मसाले के रूप में अकरकरा का प्रयोग करने से गैस नहीं बनती, भोजन समय पर ठीक से पच जाता है। आदिवासी अक्सर मसाले के तौर पर इसके सूखे फूलों का उपयोग करते हैं।

अकरकरा और कपूर की बराबर मात्रा लेकर दांतों  पर मंजन करने से दांत दर्द दूर हो जाता है और मसूढ़ों का ढीलापन भी मिटता है।

धुम्रपान से काले हुए होंठों को लाल या सामान्य करने के लिए अकरकरा और राई की समान मात्रा पीसकर दिन में तीन चार बार लगाते रहने से कुछ ही दिनों में होठों का रंग सामान्य हो जाता है।
अकरकरा का उपयोग मिर्गी रोग के इलाज के लिये करते है, उनके अनुसार अकरकरा की 100 ग्राम मात्रा लेकर उसे सिरके मे घोंटे और इसमें 100 ग्राम शहद मिला लिया जाए। इस मिश्रण का लगभग 5  ग्राम प्रतिदिन प्रात:काल में रोगी को चटाया जाए तो मिरगी का रोग दूर होता है।



करेला

मलेरिया से बचाएगा करेला...
 
करेला खाने से खून साफ होने के साथ ही डायबिटीज से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। 
 
क्यों खाएं...
 
1. करेले में एंटीहेलेमेंटिक तत्व पाए जाते हैं। इससे पेट की कई परेशानियां दूर होती हैं। इससे शरीर में पाए जाने वाले पैरासाइटिक वॉर्म्स भी मर जाते हैं। करेले के सेवन से पेटदर्द और गैस जैसी शिकायत नहीं होती।
 
करेला खाने से मलेरिया के रोगाणुओं के बढ़ने की गति कम होती है और वे धीरे-धीरे मर जाते हैं। इसके साथ ही चिकनपॉक्स के लिए जिम्मेदार वायरस को भी करेले के सेवन से कम किया जा सकता है। 
 
इसमें पाए जाने वाले कैरेटिन से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है। यह आपके शरीर की इंसुलिन सेंसिटीविटी को बढ़ाता है। इससे डायबिटीज के रोगियों को बहुत लाभ होता है।

कितना खाएं : रोजाना आधा गिलास रस फायदा पहुंचाएगा। ऐसा न कर पाने पर सप्ताह में कम से कम तीन बार करेले का रस जरूर पीएं। ज्यादा परेशानी महसूस करने पर करेले की चटपटी सब्जी बनाकर खाना भी लाभदायक होता है।
 
सबसे पहले करेला भारत में ही पैदा किया गया था। जापान में करेले का सॉफ्टड्रिंक भी मिलता है।

बादाम

बादाम के सेवन से बढ़ेगी हमारी मैमोरी..
 
रोजाना तीन से चार बादाम खाना दिमाग के लिए लाभकारी होता है। इससे मैमोरी बढ़ती है और बाल भी मजबूत होते हैं। 
 
क्यों खाएं...
 
1. बादाम में पाया जाने वाला विटामिन ई दिल के रोगों को कम करने में लाभदायक होता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, जिससे पूरे शरीर की सेहत अच्छी रहती है। 
 
2. बादाम में पाया जाने वाला रीबोफ्लेवीन और एल कैरनीटिन दिमाग की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इससे दिमाग की एक्टिविटी में बढ़ोतरी होती है और अल्जाइमर का खतरा कम होता है। 
 
3. बादाम एल्केलाइन बनाने वाले प्रोटीन का सोर्स होता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कम वजन वाले लोगों के लिए भी बादाम लाभदायक है। 

कितना खाएं : दिन में तीन से चार बादाम खाना लाभकारी होता है। बालों में बादाम का तेल लगाने से बालों की सेहत सुधरती है। 
 
अमेरिका बादाम का सबसे बड़ा उत्पादक है। छिलके वाले बादाम दो साल तक फ्रिज में फ्रेश रहते है। 


अमरूद

अमरूद के सेवन से सुधरेगा हाजमा अमरूद खाने से पाचन ठीक होने के साथ ही डायबिटीज भी नियंत्रित होती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 
 
क्यों खाएं...
 
अमरूद में पाए जाने वाले फाइबर की मदद से डायबिटीज से लड़ने की क्षमता मिलती है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है और त्वचा का रंग निखरता है।  

कितना खाएं : 
 
1. रोजाना एक अमरूद खाना सेहत कि लिए लाभदायक होता है। अमरूद की चटनी बनाकर खाने से भी फायदा होता है। अमरूद को दूसरे फलों के साथ भी खाया जा सकता है।
 
2.  इसमें पाए जाने वाले विटामिन सी की मदद से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। इससे बीमारी से लड़ने की क्षमता मिलती है। 
 
3. अमरूद में पाया जाने वाला मैग्नीशियम मसल्स को रिलेक्स करता है। थका देने वाले काम के बाद अमरूद खाने से अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है। 
 
अमरूद की 170 से अधिक प्रजातियां होती हैं। एक अमरूद में औसतन 100 बीज होते हैं। 

अंगूर

अंगूर से ठीक होंगी आंख: 
 
दिन में आधा गिलास अंगूर का जूस पीने से आंखों, किडनी और दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। 
 
क्यों खाएं...
 
1. अंगूर के रस को सुबह पीने से माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। अंगूर में पाया जाने वाला रेस्वेरेट्राल बुढ़ापे में होने वाले मैमोरी लॉस या अल्जाइमर की समस्या से भी बचाता है। 
 
2 . डाइट में अंगूर को शमिल करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। अंगूर में ल्यूटिन और जैक्सेथिन की मात्रा अधिक होती है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कारगर है। 
 
3 . अंगूर दिल को सेहतमंद बनाने में भी मदद करता है। इसमें पाया जाने वाला पेट्रोस्टिबन कोलेस्ट्रॉल के बुरे प्रभाव को कम करता है। अंगूर शरीर में यूरिक एसिड को कम करता है, जिससे किडनी अच्छे से काम करती है। 

कितना खाएं : दिन में एक कटोरी अंगूर खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। आधा गिलास अंगूर का रस भी लाभकारी होगा।
 
अंगूर की आठ हजार प्रजातियां सात रंगों में पाई जाती हैं।
 
अंगूर में 80 फीसदी पानी होता है।


मूली का रस

पेट से जुड़ी दो-तीन खराब बीमारियां हैं, जैसे बवासीर, पाइल्स, हेमोरॉइड्स, फिसचुला, फिसर... इन सबके लिए मूली का रस बेहद कारगर है। एक कप मूली का रस पिएं। ऐसा खाना खाने के बाद (सुबह, दोपहर, शाम कभी नहीं) न करें, हर तरह का बवासीर सही हो जाता है। भगंदर, फिसचुला, फिसर भी इससे ठीक होता है। अनार का रस भी इसी तरह से ले सकते हैं।

चुकंदर

हाइ ब्लड प्रेशर से लड़ने का जबरदस्त हथियार है चुकंदर। 500ml चुकंदर जूस हर रोज पीकर हाइ ब्लड प्रेशर और बाकी हेल्थ प्रॉब्लम (हार्ट संबंधी) को दूर किया जा सकता है।

दस्त

आधा चम्मच जीरा चबाकर खाएं व गुनगुना पानी के साथ उसे गटक लें। ऐसा करने से दस्त एकदम बंद हो जाता है।

अगर दस्त बहुत ज्यादा हो रहा हो या मिनट-मिनट के अंतराल पर टॉइलेट जाना पड़ता हो तो आधा कप कच्चा दूध लें, (ध्यान रहे इसे गर्म न किया गया हो) और उसमें नींबू डालकर जल्दी से पी लें। दूध को फटने से पहले पीना है। ऐसा एक बार ही करने से खतरनाक दस्त भी ठीक हो जाएगी।

बेल के पेड़ पर लगने वाले फल का गुदा चबाकर खाएं और थोड़ा पानी पी लें, इससे भी दस्त सही हो जाती है। बाजार में बेल का पाउडर भी मिलता है, यह पाउडर एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ पीना भी इस दशा में लाभकारी है।

250 एमएल कच्चे दूध में एक चम्मच चीनी मिला लें। इसमें एक नींबू का रस मिलाएं। दूध फट जाए तो उसे पी लें। ऐसा करने से दस्त की परेशानी कम होगी। 

आधा चम्मच जीरा चबाकर खाएं व गुनगुना पानी के साथ उसे गटक लें। ऐसा करने से दस्त एकदम बंद हो जाता है।


Friday, 8 November 2013

माइग्रेन के लक्षण और इससे बचाव के आसान उपाय

माइग्रेन एक सिरदर्द का रोग है। इसमें सिर के आधे भाग में भीषण दर्द होता है। इसका कोई इलाज नहीं है, किंतु इससे असरदार तरीके से निपटा जा सकता है। इस रोग में कभी कभी सिर के एक हिस्से मेंबुरी तरह धुन देने वाले मुक्कों का एहसास होता है, और लगता है कि सिर अभी फट जाएगा।
सिर में बार-बार होने वाला दर्द माइग्रेन का लक्षण हो सकता है। कुछ लक्षणों की तरफ ध्यान देने से इस परेशानी से बचा जा सकता है। अगर इन लक्षणों पर ध्यान देकर कुछ खास सावधानी बरतें तो माइग्रेन की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
अक्सर होने वाले सिरदर्द की तरफ ध्यान न देना खतरनाक साबित हो सकता है। दर्द की बार-बार शिकायत होने के पीछे माइग्रेन बड़ा कारण हो सकता है। 

अधिकतर मामलों में माइग्रेन बचपन से ही व्यक्ति को परेशान करना शुरू कर देता है। कुछ मामलों में यह युवा अवस्था में दस्तक देता है। इसकी चार अवस्थाएं होती हैं। किसी भी व्यक्ति को चारों में से एक अवस्था का सामना करना ही पड़ता है। इन विशेष तरीकों से माइग्रेन का पता लगाया जा सकता है। 

सिरदर्द होने पर दर्द के दौरान होने वाले लक्षणों को लिखें। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आप वाकई में माइग्रेन का शिकार हैं या नहीं।
घर वालों से पूछें : परिवार के कुछ सदस्यों से यह पूछें कि क्या उन्हें भी कभी ऐसी समस्या हुई है। यदि ऐसा है है तो आपको भी माइग्रेन का खतरा है।

माइग्रेन के पीछे जैनेटिक कारणों के साथ प्राकृतिक अवस्थाएं भी जिम्मेदार होती हैं। इसके अलावा दिमाग में पाया जाने वाला सेरोटोनिन भी माइग्रेन के लिए जिम्मेदार होता है। इससे सिरदर्द को बढ़ावा मिलता है। 

माइग्रेन का दर्द बढ़ने के कुछ महत्वपूर्ण कारण होते हैं। इसमें अनियमित भोजन, तनाव, सोने?जागने के समय में अंतर, वातावरण में अचानक बदलाव और अधिक दवाएं लेना शामिल हो सकता है।

रोजना की डाइट में पचने में आसान खाने को शामिल करें। इसके साथ ही कम से कम सात घंटे की नींद जरूर लें। रोजाना कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज के साथ योगा भी करें। सप्ताह में तीन से चार बार ध्यान की स्थिति में जाएं। ऐसा करने से आपका दिमाग रिलैक्स होगा और माइग्रेन से निटपने में मदद मिलेगी। 

माइग्रेन का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक होता है, जिनके घर में भी इसके मरीज होते हैं। इसके साथ ही उम्र के 40वें वसंत में पहुंचने के बाद बहुत से माइग्रेन के रोगियों को इसके अटैक आने शुरू हो जाते हैं।

माइग्रेन का दर्द होने पर पुदीने की ताजी पत्तियों को उबालकर मिंट टी बनाएं। इसे पीने से दर्द में काफी राहत मिलती है।


Thursday, 7 November 2013

बालों के झङऩे पर

बालों के झङऩे पर सिर में नींबू के रस में दो गुना नारियल का तेल मिलाकर उंगलियों पोरों से धीरे-धीरे बालों की जङों में मालिश करने से आपके बाल झङने बन्द हो जाएंगे।

दांत दर्द

कीढ़ा लगे दांत में थोड़ा सी हींग भर देने से दांत व दाढ़ का दर्द दूर हो जाता है। थोड़ी सी हींग को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से भी दांत दर्द में आराम मिलता है।

आंखों की प्रॉब्लम्स

बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। रोज इस मिश्रण को एक चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।आंखों की प्रॉब्लम्स दूर हो जाएंगी।

मेथी दाना के फायदे

1 चम्मच मेथी दाना को पानी के साथ निगलने से अपचन की समस्या दूर होती है। मेथी के बीज आर्थराइटिस और साईटिका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। करीब 1 ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को मिलाकर थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है।

खूनी बावासीर

सौंफ, जीरा और धनियां सब 1-1 चम्मच लेकर 1 गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। आधा गिलास पानी बच जाने पर उसमें एक चम्मच गाय का घी मिलाकर सुबह-शाम पीएं खूनी बावासीर में रक्त गिरना बंद हो जाता है।

वीर्यवृद्धि के लिए

वीर्यवृद्धि के लिए सफेद प्याज के रस के साथ शहद लेने पर फायदा होता है।

मुंह के छाले

मुंह के  छाले की समस्या परेशान कर रही हो तो दिन में कम से कम तीन बार कच्चे दूध से अच्छी तरह से गरारे करें, छाले मिट जाएंगे।

मुंह में छाले हो गए हों तो चमेली के नर्म पत्ते ले आएं। इन पत्तों को धोकर धीरे-धीरे चबाएं। इससे मुंह के छाले पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।

स्तनों के दूध में बढ़ोतरी

सफेद जीरे को घी में भूनकर इसका हलुआ बनाकर प्रसुता को खिलाने से स्तनों के दूध में बढ़ोतरी होती है।

चेहरे के दाग-धब्बे

1/2 चम्मच चिरौंजी को 2 चम्मच दूध में भिगोकर पीसकर पेस्ट बनाकर लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें। इसे नियमित रूप से डेढ़ महीने लगाए जाने पर रंग निखरता है व चेहरे के दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।

पेचिश

मेथी का चूर्ण दही में मिलाकर सेवन करने से पेचिश दूर होती है।मेथी के पत्तों के रस में काली दाख मिलाकर सेवन करने से पेचिश का कष्ट दूर होता है।


डायबिटीज व मोटापा

दस ताजे हरे करी पत्तों को सुबह खाली पेट खाएं। तीन महीनों तक नियमित रूप से ये प्रयोग करने पर डायबिटीज कंट्रोल में आ जाती है व मोटापा घटने लगता है।

पथरी

जीरे को मिश्री की चाशनी बनाकर उसमें या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।

एक्जिमा

चंदन पाउडर में दूध और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं। एक्जिमा के स्थान पर लगाएं। सूखने पर गुनगुने पानी से नहाएं। कुछ दिनों में एक्जिमा ठीक होगा।

बुखार में तुरंत आराम

शरीर में बुखार होने की वजह से जलन होने पर पलाश के पत्तों का रस लगाने से जलन का असर कम हो जाता है।

पुर्ननवा की जड़ो को दूध में उबालकर पिलाने से बुखार में तुरंत आराम मिलता है। बुखार के दौरान अल्पमूत्रता और मूत्र में जलन की शिकायत से छुटकारा पाने के लिए भी यही मिश्रण कारगर होता है।

ठंड में बुखार आने पर आजवाइन के चूर्ण का आधा चम्मच दिन में तीन बार खाइए। जल्द ही राहत मिलेगी और बुखार उतर जाएगा।

दाद-खाज और खुजली होने पर

दाद होने पर सूखी नीम व हल्दी पाउडर समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाएं। इसे एक घंटा लगाकर धो लें। दाद ठीक होने तक रोज लगाएं।

प्याज के बीजों को सिरका में पीसकर प्राप्त रस को दाद-खाज और खुजली में लगाने पर अतिशीघ्र आराम मिलता है।

पसलियों का दर्द

 हींग को गर्म पानी में घोलकर पसलियों पर लेप करने से पसलियों का दर्द खत्म हो जाता है।

धूल

यदि आपकी आंखों में डस्ट पार्टिकल्स चले गए हों तो आंखें बंद करके थोड़ी देर जानबूझकर खांसें। धूल का कण निकल जाएगा। 

पक्षाघात

तिल के तेल में कालीमिर्च पाउडर मिलाकर गर्म करें। इससे पक्षाघात में निष्क्रिय हुए हिस्सों की नियमित रूप से मालिश करें। फायदा नजर आएगा।

मुंहासे

संतरे के छिलकों का महीन चूर्ण बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। गुलाब जल मेंचेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं और चेचक के दाग भी दूर होते हैं।

जुकाम होने पर

जुकाम होने पर अदरक पाउडर, घी और गुड़ समान मात्रा में लेकर मिलाएं और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। जुकाम जल्द ही ठीक हो जाएगा।

सिरदर्द में जल्द आराम

दो-चार लौंग पीसकर उसका सिर पर लेप लगाने से सिरदर्द में जल्द आराम मिलता है। नमक में दो बूंद लौंग का तेल डालकर उस पेस्ट को सिर पर लगाएं बहुत जल्दी आराम मिलेगा।

पुदीना सिरदर्द की समस्या में एक रामबाण औषधि माना जाता है। पुदीने का रस थोड़ी मात्रा में लिया जाए या पुदीने की चाय पी जाए तो सिरदर्द में तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा अगर सिरदर्द बहुत ज्यादा तेज हो तो पुदीना का तेल हल्के हाथों से सिर पर लगाने से सिरदर्द बंद हो जाता है।

सुबह खाली पेट प्रतिदिन एक सेब खाने से सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है। कच्चे अमरूद को पीसकर सूर्योदय से पहले सिर पर लेप लगाने से लाभ होता है।

नारियल तेल में बादाम को मिलाकर तथा बारीक पीसकर सिर पर लेप लगाना चाहिए। इससे सिरदर्द में तुरंत आराम होता है।


रूखी और बेजान स्किन

स्किन रूखी और बेजान लगती हो तो जौ का आटा, हल्दी, सरसो का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर में मालिश कर गुनगुने पानी से नहाएं। दूध को केसर में मिलाकर पीएं, रूप निखर जाएगा।

जोड़ों के दर्द में आराम

रोजाना सुबह एक से दो लहसुन की साबूत कलियां पानी से निगल लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

हाथ जल जाने पर

अचानक हाथ जल जाने पर बहुत तेज जलन होने की स्थिति में प्याज को आधा काटकर जलन वाले स्थान पर लगाएं। जलन कम होगी।

जलन

धनिया और जीरा और चीनी तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त या एसिडिटी के कारण होने वाली जलन शांत हो जाती है।

शरीर में किसी भी भाग या हाथ-पैर में जलन हो तो तरबूज के छिलके के सफेद भाग में कपूर और चंदन मिलकर लेप करें। जलन से शांति मिलेगी।

मोच दर्द से राहत

पान के पत्तों पर हल्का-सा तेल लगा लें। फिर गैस पर गर्म करें। इसे मोच वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है और सूजन भी कम होगी। 

चोट लगने या मोंच आने पर  इमली के पत्तों को पानी में उबालकर, उस पानी से सिकाई करने पर बहुत जल्दी राहत मिलती है।

चेहरे की लालिमा

व्हीट-ग्रास का जूस सुबह खाली पेट पीने से  चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है और खून भी साफ होता है।

अगर चेहरे की चमक बढ़ानी हो तो गाजर को कीस लें। इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। थोड़ी देर बाद सादे पानी से धो लें।

गाजर को सलाद के साथ रोजाना खाएं। हो सके तो गाजर का एक गिलास रस सप्ताह में तीन दिन जरूर पीएं। त्वचा के रोगों से मुक्ति मिलेगी और रंग भी निखरेगा।

पीच को मैश करके शहद के साथ चेहरे पर लगाने से तैलीय त्वचा को फायदा मिलने के साथ की झुर्रियों से भी बचाव होता है। त्वचा का रंग भी निखरता है।

मटर के दानों को भून लें। इसमें चंदन पाउडर और थोड़ा-सा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। सप्ताह में तीन बार चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरेगा।

स्मृति में वृद्धि

नारियल की गिरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर सेवन करने से स्मृति में वृद्धि होती है। नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।

कब्ज

कब्ज होने पर रात्रि सोते समय दस बारह मुनक्का दूध में उबाल कर खाएं और ऊपर से वही दूध पी लें।  ज्यादा कब्ज में तीन दिन लगातर लें और बाद में आवश्यकतानुसार कभी-कभी लें।

दो चम्मच ईसबगोल की भूसी छ: घंटे पानी में भिगोकर इतनी ही मिश्री मिलाकर रात सोते समय पानी के  साथ लेने से कब्ज दूर हो जाती है।

मिश्री, सौंफ, सूखा धनिया सभी को 50-50 ग्राम मात्रा में लेकर को डेढ़ लीटर पानी में रात को भिगोकर रख दें। शाम को छानकर इन्हें पीसकर इसी पानी में घोलकर छान कर पीएं। एक बार में पूरा न पी पाएं तो कुछ समय बाद फिर पीएं।इससे पेट की जलन व कब्ज में राहत मिलेगी।

त्रिफला चूर्ण चार ग्राम (एक चम्मच भर) 200 ग्राम हल्के गर्म दूध अथवा गर्म पानी के साथ लेने से कब्ज दूर होता है।

आंवले का रस या उसका चूर्ण पाचन क्रिया को सुचारू रखता है, इसलिए इसका नियमित सेवन करना चाहिए। इससे कब्ज की समस्या भी दूर हो जाती है।

आपका पेट अगर साफ नहीं रहता या कब्ज की समस्या लगातार रहती है तो इस दशा में अजवाइन सबसे लाभकारी है। अजवाइन को गुड़ में मिलाकर चबाओ और फिर गुनगुना पानी पीने से पेट साफ हो जाता है। ऐसा आप रात को सोने से पहले भी कर सकते हैं।

आर्थराइटिस

एक दिन में 8 - 9 केले तीन से चार दिन तक खाएं आर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द कम हो जाएगा।

एक गिलास गुनगुने पानी में दो छोटे चम्मच नींबू का रस मिलाकर लें। यह काम दिन में 8-10 बार करें। अर्थराइटिस के दर्द में आराम मिलेगा।

घाव

घाव के पक जाने पर आक की पत्तियों की सतह पर सरसों तेल लगाकर घाव पर लगाने से ,घाव फूटकर मवाद बाहर निकल आता है और घाव जल्दी सूखने लगता है।

डेंड्रफ

अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ  नदारद हो जाएगी, साथ ही बाल झडऩे का सिलसिला भी कम हो जाता है।

बालों में रूसी होने पर मेथी दानों का पेस्ट बालों में लगाएं और आधा घंटे बाद धो लें और बालों को सूती कपड़े से हल्का-हल्का मालिश कर सुखा लें, रूसी दूर हो जाएगी।

कमजोरी

दूध की मलाई तथा पिसी मिश्री जरूरत के अनुसार मिलाकर खाने से कमजोरी दूर होती है व शरीर बलशाली बनता है।

सफेद मूसली या धोली मूसली का चूर्ण बनाकर। एक चम्मच चूर्ण और एक चम्मच पिसी मिश्री मिलाकर। सुबह व रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ एक चम्मच मात्रा में लेने से कमजोरी दूर हो जाती है।

2 चम्मच प्याज का रस, 1 चम्मच शहद, चौथाई चम्मच घी मिलाकर सेवन करने से ताकत बढ़ती है।

नाश्ते में अंकुरित अनाज लें। चोकर से बना केक खाएं क्योंकि चोकर मेग्नेशियम व अन्य पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं।

40  ग्राम मूंगफली के दाने सेंककर, 10  ग्राम गुड़ के साथ चबा-चबाकर नाश्ते के तौर पर सेवन करें, ये ऊर्जा का पर्याप्त भण्डार है।

बादाम को पत्थर पर घिसकर दूध में मिलाकर पीना चाहिए, इससे अपार बल मिलता है।

छाछ से निकाला गया ताजा माखन तथा मिश्री मिलाकर खाना चाहिए।

रोजाना 10-12  गिलास पानी पीना चाहिए, साथ ही नाश्ते के रूप में ऐसे पदार्थ लें, जिसमें प्रत्येक से 200 कैलोरी प्राप्त हो।

रात को सोने से पहले एक गिलास दूध में एक चम्मच घी मिलाकर पीएं। ये प्रयोग खाने के दो घंटे बाद ही करें।

नाश्ते में सुबह आलू के दो पराठें के साथ लगभग 50 ग्राम दही का सेवन करें, यह ऊर्जा का अच्छा स्रोत है।

प्रतिदिन आंवले का मुरब्बा खाएं। केला पुरुष की शक्ति बढ़ाने वाला फल है। प्रतिदिन केले खाएं एवं संभव हो तो केले खाने के बाद दूध भी पीएं।

 


बादाम

बादाम का तेल और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर चेहरे पर लगाएं और थोड़ी देर रखने के बाद चेहरा धो लें। ऐसा नियमित करने स रूप निखर जाता है।

एसिडिटी

एसिडिटी की तकलीफ  है तो समान मात्रा में लेकर अजवाइन और जीरा को एक साथ भून लें। फिर इस मिश्रण को पानी में उबाल कर छान लें। इस छने हुए पानी में चीनी मिलाकर पिएं, एसिडिटी से राहत मिलेगी।

खाना खाने के बाद एक लहसुन की कली को चार मुनक्का के साथ लेने से बार-बार होने वाली गैस की समस्या से छुटकारा मिलेगा। पेट दर्द में भी राहत मिलेगी। 

दस-दस ग्राम नारियल की गिरी, खसखस और सफेद चंदन को आधे गिलास पानी में भिगोकर रखें। सुबह इसके पानी को छानकर पी लें। एसिडिटी कम होगी।

पेट में गैस बन रही हो तो एक गिलास गर्म पानी में एक चम्मच हल्दी और एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर गर्म ही पी लें। गैस से तुरंत राहत मिलेगी।

गैस की समस्या से परेशान हों तो छाछ में थोड़ा-सा अदरक और जीरा पाउडर मिलाकर पीएं। इससे गैस से जुड़ी तकलीफें कम हो जाएंगी।