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Thursday, 9 January 2014

ताकतवर शरीर के लिए

सर्दियों में पिंड खजूर का सेवन शरीर के लिए लाभदायक रहता है। पिंड खजूर में प्रोटीन, वसा और शर्करा पर्याप्त मात्रा पाई जाती हैं। कैल्शियम, लोहा भी पाया जाता है साथ विटामिन ए, बी और सी भी पाए जाते हैं। पूरी तरह से पके हुए खजूर में शर्करा की मात्रा 85 प्रतिशत तक होती है। प्रति 100 ग्राम खजूर के सेवन से 283 कैलोरी उर्जा मिलती है। सर्दियों में दूध में उबालकर खजूर का सेवन करने से व जिस दूध में खजूर उबाले गए हैं उसे पी लेने से यौन शक्ति बढ़ती है।

दूध की मलाई में मिश्री मिलाकर खाने से शरीर को शक्ति मिलती है। एक बादाम को घिसकर दूध में मिलाकर पीना चाहिए, इससे शरीर को बल मिलता है। सफेद मूसली या धोली मूसली का एक चम्मच पाउडर, एक चम्मच पिसी मिश्री लेकर सुबह व रात को सोने से पहले गुनगुने दूध के साथ लें। यह बहुत शक्तिवर्धक है।

सर्दियों में उड़द की दाल से बने पदार्थ भी शक्ति बढ़ाने में विशेष रूप से लाभदायक है खासकर उड़द के लड्डू बनाकर उसका सेवन करने से सेक्स पॉवर बढ़ता है व शरीर शक्तिशाली बनता है।च्यवनप्राश भी नियमित रूप से ले सकते हैं।आंवले के मुरब्बे के नियमित सेवन से भी जवानी कायम रहती है।

ठंड में ताकतवर बनने के लिए फल, सूखे मेवे, चोकर वाले आटे की चपाती, अंकुरित खाद्यान्न आदि अधिक मात्रा में लें। घी व दूध का सेवन रोजाना करें और घी अधिक मात्रा में लेने के साथ ही हरी व पत्तेदार सब्जियों का अधिक सेवन करें। शोध के माध्यम से ये साबित हो चूका है कि शाकाहार का सेवन करने से सेक्स क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है।

ज्यादा मिर्च वाले भोजन के सेवन से बचें। खाने में लहसुन व प्याज के साथ ही अदरक का उपयोग भोजन में संतुलित मात्रा में करें। अधिक तैलीय, मसालेदार और वसायुक्त भोजन को लेने से बचना चाहिए। पिज्जा, बर्गर, चॉकलेट व कोल्डड्रिंक्स व चाइनीज फूड का अधिक सेवन शक्ति को कम करता है।



 

गाजर खाने से होने वाले लाभ

गाजर का जूस हमारे शरीर में विटामिन ए और ई की कमी को दूर करता है। इसकी कमी से आंखों की बीमारियां, त्वचा में सूखापन, बालों का टूटना, नाख़ून खराब होना आदि होतें हैं। विटामिन ए हमारे शरीर की हड्डियों और दांतों के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है। गाजर का जूस हमारी आंखों की कमजोरी दूर करता है व त्वचा व बालों को स्वस्थ व चमकदार बनाता है।

गाजर में फाइबर बहुत अधिक मात्रा में उपस्थित होता है। इसलिए यदि गाजर को चबा चबा कर खाया जाए तो आंतों की सफाई हो जाती है। जिससे कब्ज और गैस जैसी समस्याओं में आराम मिलता है। गाजर का जूस नियमित रूप से पीने पर त्वचा ग्लो करने लगती है।

गाजर हमारे शरीर में से विषैले पदार्थों को बाहर निकाल देती है। गाजर खाने से हम लम्बे समय तक जवान बने रह सकते हैं। गाजर का जूस सभी लोगो को पीना चाहिए लेकिन जिन लोगो को शुगर की बीमारी है उन्हें गाजर का जूस नहीं पीना चाहिए। यदि भूख न लगती हो, अरुचि हो गई हो तो ऐसे में गाजर में नमक नींबू लगा कर अदरक और पुदीने के साथ सेवन करने से भूख लगने लगती है। 

डायबिटीज के रोगियों के लिए गाजर अमृत समझी जाती है। एक गिलास गाजर के रस में एक कप करेले का रस मिला कर पीने से डायबिटीज में लाभ मिलता है या एक गिलास गाजर के रस में आधा कप आंवले का रस मिला कर दिन में दो तीन बार पीने से डायबिटीज में फायदा मिलता है। गाजर के साथ पालक के जूस में थोड़ा काला नमक मिलाकर पीएं फायदा होगा।

जो पुरुष कमजोरी से परेशान होते हैं उनके लिए गाजर का जूस बहुत लाभदायक होता है। चिकित्सा अध्ययनों ने यह साबित किया है कि गाजर कैंसर के खतरे को कम करता है। गर्भवती महिला व होने वाले बच्चे के लिए ये जूस बहुत फायदेमंद होता है। 

रोजाना एक गिलास गाजर का जूस पीने से याददाश्त बढ़ती है। यदि आप अर्थराइटिस के मरीज है तो एक गिलास गाजर के रस से एक चम्मच अजमोदा चूर्ण दिन में तीन बार उपयोग करें। गाजर खून को साफ करती है। इसके सेवन से बुढ़ापा दूर रहता है। मानसिक और शारीरिक दोनों क्षमताएं विकसित होती है।

यदि मुंह में छाले हो गये हैं तो ऐसे में गाजर के रस को मुंह में घुमा कर कुल्ला करके उस जूस को पी लेने से मुंह के छालों में राहत मिलती है।यदि दूध पिलाने वाली स्त्री को दूध न बन रहा हो तो गाजर का इस्तेमाल करने से प्रसूता को दूध बनने लगता है।  

यदि आपको पथरी की समस्या हो तो रोजाना एक गाजर का सेवन करें। ऐसा करने से पथरी धीरे धीरे पेशाब के रास्ते शरीर से बाहर निकल जाएगी। मूत्रअवरोध व मूत्र से संबंधित अन्य बीमारियां भी दूर हो जाता है। पेशाब खुल कर आता है।



बदन दर्द

सर्दियों में सरसों के तेल में 3-4 लहसुन की कली डालकर पका लें और ठंडा कर लें। इसके बाद पूरे बदन पर मालिश करें, बदन दर्द में आराम मिलेगा।

अंडे खाने के फायदे

अंडे खाने से आंखों से जुड़ी बीमारियों से निपटा जा सकता है। इससे दिल भी सेहतमंद रहता है।

1. अंडे में पाए जाने वाला लूटिन और जिऑक्सनथिन आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए बहुत कारगर होता है। शोधों से साबित हो चुका है कि रात को देखने में परेशानी का सामना करने वाले लोगों को रोज अंडे का सेवन करना चाहिए।

2. अंडे में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन और नौ प्रकार के एमीनो एसिड्स पाए जाते हैं। हॉर्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में हुए शोध के अनुसार रोजाना अंडे का सेवन करने वाले लोगों में दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है। अंडे खाने से स्ट्रोक और हार्ट अटैक से भी बचाव होता है।

3. अंडे के पीले भाग में कोलेन नामक पोषक पदार्थ पाया जाता है। इसकी मदद से दिमाग को ठीक से काम करने की ताकत मिलती है। इससे नर्वस सिस्टम ठीक होता है। साथ ही यह कार्डियोवस्कुलर सिस्टम को भी सुधारता है।

4 . एक अंडे में मात्र 1.5 ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है। इससे शरीर में अतिरिक्त फैट नहीं बढ़ता।

 

अनार खाने के फायदे

अनार से मिलने वाले पौष्टिक तत्वों से दिल के रोगों को कम किया जा सकता है। यह खून भी बढ़ाता है।

क्यों खाएं...

1. अनार में पाया जाने वाला एलेजिक एसिड और अन्य एंटीऑक्सीडेंट की सहायता से त्वचा को नई रंगत मिलती है। इससे खून साफ होता है और लाल रक्त कणिकाओं की संख्या में भी इजाफा होता है।

2. रोज अनार का जूस पीने से दिल की सेहत में सुधार होता है। अनार से धमनियां लचीली बनती हैं। इससे शरीर में रक्त का प्रवाह सही रहता है और दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

3. अनार खाने से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रण में रहता है। इसमें पाए जाने वाले विटामिन ए, सी और ई सेहत के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। इसमें कैल्शियम भी भरपूर होता है, जिससे हड्डियां मजबूत होती हैं।

कितना खाएं : दिन में तीन से चार चम्मच अनार दाने खाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होगा। दिन में आधा गिलास रस भी फायदा पहुंचाएगा।

कद्दू खाने के फायदे

दिल की सेहत के लिए कद्दू खाना बहुत लाभकारी होता है। इससे कोलेस्ट्रॉल कम होता है। यह पेट के लिए भी लाभकारी है।

क्यों खाएं...

1. कद्दू में सेचुरेटेड फैट नहीं पाया जाता। इससे शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा कम बनी रहती और दिल सेहतमंद रहता है। इसमें पाए जाने वाले डायटरी फाइबर से पेट की बीमारियों में आराम मिलता है।

2. इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए बहुत ही लाभकारी होता है। इससे शरीर में एंटीऑक्सिडेंट की मात्रा में इजाफा होता है। ऐसा होने से आपकी स्किन और बालों की सेहत बेहतर रहती है।

3.कद्दू में जीआ स्कैनटिन नामक एंटीऑक्सिडेंट पाया जाता है। यह अल्ट्रा वायलेट किरणों से होने वाले नुकसान से बचाता है। इससे त्वचा के नए सेल्स बनने लगते हैं।

कितना खाएं :

सप्ताह में कम से कम दो बार कद्दू जरूर खाएं। सलाद के रूप में न खा पाएं तो इसकी सब्जी बनाकर खाना भी लाभ देगा

मूंगफली खाने के फायदे

मूंगफली को रोजाना की डाइट में शामिल करने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। यह बहुत लाभदायक होती है।

क्यों खाएं:

1. मूंगफली में बड़ी मात्रा में मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड पाया जाता है। इसकी सहायता से शरीर में पाया जाने वाला बैड कोलेस्ट्रॉल कम होता है और दिल के रोगों से सुरक्षा मिलती है।

2 . इसमें पॉली-फैनालिक एंटीऑक्सिडेंट्स पाया जाता है। इससे पेट संबंधी रोगों से बचाव होता है। मूंगफली खाने से पेट का कैंसर होने की आशंका भी कम होती है।

3 .मूंगफली में रिस्वरेटॉल काफी मात्रा में पाया जाता है। इसकी मदद से शरीर में रक्त का प्रवाह ठीक होता है। दिल को सही मात्रा में खून पहुंचता है और पूरा शरीर बेहतर तरीके से काम करता है।

कितना खाएं : रोजाना 30 से 50 ग्राम मूंगफली के दाने खाना लाभकारी होता है। इन्हें भुनकर खाना बेहतर रहेगा। मूंगफली में कोलेस्ट्रॉल बहुत कम होता है।


Friday, 27 December 2013

मूली खाने के फायदे

मूली ठंड के मौसम में आने वाली एक ऐसी सब्जी है जो सलाद के रूप में बहुत पसंद की जाती है। नियमित रूप से मूली खाने से चेहरे की लालिमा बढ़ती है। इसे खाने से खाना जल्दी पच जाता है। इसमें प्रोटीन, कैल्शियम, गन्धक, आयोडीन तथा लौह तत्व पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। इसमें सोडियम, फॉस्फोरस, क्लोरीन तथा मैग्नीशियम भी होता है। मूली में विटामिन ए भी होता है।

हार्ट से संबंधित बीमारी से ग्रस्त लोगों व कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए मूली का सेवन लाभदायक होता है। ब्लडप्रेशर के रोगियों के लिए मूली का सलाद के रूप में नियमित रूप से सेवन अच्छा माना गया है क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर को शांत करने में मूली मदद करती है।



सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती है। मूली शरीर से कार्बन डाई ऑक्साइड निकालकर ऑक्सीजन प्रदान करती है। मूली हमारे दांतों और हड्डियों को मजबूत करती है। थकान मिटाने और अच्छी नींद लाने में भी मूली काफी फायदेमंद होती है।


मूली के रस में थोड़ा नमक और नीबू का रस मिलाकर नियमित रूप में पीने से मोटापा कम होता है और शरीर सुडौल बन जाता है। मूली के पत्ते काटकर नींबू निचोड़ के खाने से पेट साफ होता है व स्फूर्ति रहती है। पेट संबंधी रोगों में यदि मूली के रस में अदरक का रस और नीबू मिलाकर नियम से  पीएं तो भूख बढ़ती है। पेट के कीड़ों को नष्ट करने में भी कच्ची मूली फायदेमंद साबित होती है।

मूली के पतले कतरे सिरके में डालकर धूप में रखें, रंग बादामी हो जाने पर खाइए। इससे भूख बढ़ती है।मूली के रस में नमक मिलाकर पीने से पेट का भारीपन, अफरा, मूत्ररोग दूर  होते हैं।




 
 

Wednesday, 25 December 2013

स्वप्नदोष की समस्या के लिए

साबूत अनाज को भिगोकर अंकुरित कर खाने से न सिर्फ शरीर में खून बढ़ता है व साथ ही इसके नियमित सेवन से स्वप्नदोष की समस्या कम हो जाती है।
अजवाइन की पत्तियां स्वप्नदोष की समस्या के लिए एक बेहतरीन दवा है। अजवाइन की पत्तियों का जूस निकालकर उसे शहद के साथ लें। अजवाइन का रस इस तरह से लेने से बहुत जल्दी लाभ होता है।

कच्चे प्याज का सेवन स्वप्नदोष की समस्या में बहुत अच्छा माना गया है।  खाने में किसी भी रूप में प्याज का सेवन किया जाए तो इस समस्या में लाभ पहुंचता है साथ ही अगर इसे कच्चा खाया जाए तो बेहतर परिणाम मिलते हैं। 

Sunday, 15 December 2013

अखरोट खाने के फायदे

अखरोट का सेवन यादादाश्त को दुरुस्त करने और मानसिक थकान को कम करने में उपयोगी माना जाता है।

अखरोट ब्रेस्ट कैंसर को रोकने में विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।

अखरोट खून में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करता है और पेट संबधी समस्याओं को दूर करता है।

इसके नियमित सेवन से बाल व स्किन दोनों हेल्दी रहते हैं।

सर्दियों में अखरोट के नियमित सेवन से गहरी नींद आती है।

रोजाना अखरोट का सेवन डायबिटीज रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

रोजाना अखरोट खाने से हड्डियां मजबूत होती हैं साथ ही यह दांतों के लिए भी अच्छा होता है।

अखरोट दिल से संबंधित बीमारियों को दूर रखता है।

 

Thursday, 12 December 2013

करेला खाने के फायदे

सांस संबंधी समस्या:

ताजा करेले से अस्थमा, सर्दी और खांसी जैसी सांस संबंधी समस्याओं से छुटकारा मिलता है।

लीवर को रखे निरोग:

अगर आपको लीवर की समस्या है तो फिर आप हर दिन एक ग्लास करेले का जूस पीएं।

दूध पीने के फायदे

दूध पीने से कंट्रोल में रहेगा मोटापा:

कितना पीएं : रोज एक कप दूध सुबह-शाम पीना सेहत के लिए बहुत लाभदायक होता है। फलों के साथ भी दूध पीना फायदेमंद होता है।

क्यों पीएं...

1 . दूध में भरपूर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है। कैल्शियम से हड्डियां मजबूत होती हैं। इसके साथ ही इससे दांतों को भी मजबूती मिलती है और उनमें चमक आती है।

2 . कैल्शियम, पोटेशियम और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर कम करने में सहायक होते हैं। ये तीनों तत्व दूध में पाए जाते हैं, इसलिए दूध से ब्लड प्रेशर भी नियंत्रित किया जा सकता है। इससे रक्त संचार भी ठीक होता है और दिल अच्छे से काम करता है।

3 .शोधों में यह साबित हो चुका है कि रोजाना दूध पीने वाले लोगों का वजन नियंत्रित रहता है। दूध में पाए जाने वाले पौष्टिक तत्व शरीर को ऊर्जा देते हैं और मोटापे को तेजी से बढ़ने से रोकते भी हैं।


आंवला खाने के फायदे

बाल झड़ना कम करेगा आंवला:

आंवला खाने से पेट के रोगों से निजात मिलती है। इससे त्वचा के रोगों से भी बचा जा सकता है और आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

कितना खाएं : रोजाना दो मध्यम आकार के आंवले खाना बेहतर होगा। इसके स्थान पर आंवले के एक चम्मच पाउडर का भी सेवन किया जा सकता है।

क्यों खाएं:

1. आंवला विटामिन सी का बहुत अच्छा सोर्स होता है। इससे आंखों की रोशनी बढ़ती है। रोजाना आंवले का सेवन करने से त्वचा के रोगों से भी बचा जा सकता है।

2. इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट से शरीर को ठीक से फंक्शन करने में मदद मिलती है। आंवले में पाए जाने वाले फाइबर की वजह से पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है।

3. आंवले से इंफ्लेमेशन को कम किया जा सकता है। आंवले में पाए जाने वाले एसिड्स गैस की परेशानी से निजात दिलाने में सक्षम होते हैं। आंवला खाने से बाल झड़ने की समस्या भी कम होती है।

4. रक्तचाप को क़ाबू में रखने के साथ ही पाचन क्रिया सुचारू रखता है और दिल की बीमारियों से भी बचाता है।

पालक खाने के फायदे

पालक खाने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। साथ ही इसके सेवन से कैंसर से लड़ने की क्षमता मिलती है।

क्यों खाएं पालक

1.
पालक में पाए जाने वाले फ्लेवोनॉइड्स से शरीर में एंटीऑक्सिडेंट्स की मात्रा बढ़ती है। इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होती है। ये कैंसर से लड़ने में भी मददगार साबित होते हैं।

2 . इसमें बड़ी मात्रा में आयरन पाया जाता है। इससे खून साफ होता है और हीमोग्लोबिन बढ़ता है। इसमें विटामिन ए और सी भी भरपूर होते हैं। इनसे दिल की बीमारी से लड़ना ज्यादा आसान होता है।

3 . पालक को बहुत अच्छा इंफ्लेमेटरी माना जाता है। इससे आर्थराइटिस, ऑस्टियोपोरोसिस, माइग्रेन जैसी बीमारियों से लड़ने की क्षमता मिलती है। इससे आंखों की रोशनी भी बढ़ती है।

कितना खाएं : हर दिन सलाद में 50 से 100 ग्राम पालक खाना बेहतर होगा। पालक की सब्जी बनाकर खाने से भी लाभ मिलता है।

Tuesday, 10 December 2013

चोट के निशान

अंदरूनी चोट लग जाने के कारण पड़ने वाले नीले निशानों को कम करने के लिए उस स्थान पर कच्चे आलू को पीसकर लगाएं। दाग मिट जाएंगे।

शरीर में खून की कमी की समस्या से निजात

रोजाना खाने के दौरान चुकंदर का सलाद खाना चाहिए। इससे शरीर में खून की कमी की समस्या से निजात मिलती है। दिन में कम से कम 50 ग्राम चुकंदर खाना चाहिए।

कोलोन (आंतों) में इन्फेक्शन

पपीते का जूस नियमित रूप से पीना चाहिए। इसकी एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टी से कोलोन (आंतों) में इन्फेक्शन होने की आशंका कम हो जाती है।

पीठ में दर्द होने पर

पीठ में दर्द होने पर लहसुन के तेल से मालिश करनी चाहिए। इससे दर्द ही नहीं, बल्कि अकड़न की समस्या से भी राहत मिलती है।

Sunday, 8 December 2013

शकरकंद, स्ट्राबैरी, मशरूम, लहसुन, पालक, गाजर, चने, अदरक के फायदे

शकरकंद : इसमें बहुत अधिक मात्रा में बीटा कैरोटीन पाया जाता है। शरीर इसे विटामिन ए में बदलता है। विटामिन ए शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए बहुत कारगर होता है।

स्ट्राबैरी : स्ट्राबैरी, ब्लैकबैरी, ब्ल्यूबैरी जैसे फलों को डाइट में शामिल करने से इ?यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है। इनमें बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी और ई पाया जाता है। बैरीज को दही के साथ खाना बहुत लाभकारी होता है।

मशरूम : इसमें मौजूद पोषक तत्व श्वेत रक्त कणिकाओं को बढ़ाने का काम करते हैं। ऐसा होने से शरीर को रोगों से लड़ने के लिए अतिरिक्त शक्ति मिलती है। मशरूम के सेवन से बीमारियों का सामना बहुत कम करना पड़ता है।

लहसुन : इसके सेवन से सर्दी से सुरक्षा होती है। इससे दिल के रोगों के प्रति भी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। लहसुन खाना ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।

पालक : पालक में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन ई पाया जाता है। इसके साथ ही पालक विटामिन ए, सी और के का भी अच्छा स्रोत होता है। इससे शरीर के इम्यून पॉवर को बढ़ाया जा सकता है।

गाजर : गाजर खाना सर्दी-जुकाम से लड़ने का सबसे अरसकारक माध्यम हो सकता है। इसमें पाया जाने वाला बीटा कैरोटीन सर्दी से लड़ने की अतिरिक्त शक्ति देता है। इससे शरीर का इम्यून पॉवर बढ़ती है।

चने : चने में पाया जाने वाला फाइबर पाचन तंत्र को मजबूती देता है। इससे पेट के रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। इसमें पाया जाने वाला पोटेशियम और सोडियम इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।

अदरक : सर्दी में होने वाली सामान्य बीमारियों से बचने के लिए अदरक का इस्तेमाल बेहतर होगा। अदरक खाने से जुकाम जैसे इंफेक्शन्स से बचाव के लिए शरीर को अतिरिक्त शक्ति मिलती है।


गर्म पानी पीने के फायदे

अगर आप स्किन प्रॉब्लम्स से परेशान हैं या ग्लोइंग स्किन के लिए तरह-तरह के कॉस्मेटिक्स यूज करके थक चूके हैं तो रोजाना एक गिलास गर्म पानी पीना शुरू कर दें। आपकी स्किन प्रॉब्लम फ्री हो जाएगी व ग्लो करने लगेगी।

लड़कियों को पीरियड्स के दौरान अगर पेट दर्द हो तो ऐसे में एक गिलास गुनगुना पानी पीने से राहत मिलती है। दरअसल इस दौरान होने वाले पैन में मसल्स में जो खिंचाव होता है उसे गर्म पानी रिलैक्स कर देता है।

गर्म पानी पीने से शरीर के विषैले तत्व बाहर हो जाते हैं। सुबह खाली पेट व रात्रि को खाने के बाद पानी पीने से पाचन संबंधी दिक्कते खत्म हो जाती है व कब्ज और गैस जैसी समस्याएं परेशान नहीं करती हैं।

भूख बढ़ाने में भी एक गिलास गर्म पानी बहुत उपयोगी है। एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू का रस और काली मिर्च व नमक डालकर पीएं। इससे पेट का भारीपन कुछ ही समय में दूर हो जाएगा।

खाली पेट गर्म पानी पीने से मूत्र से संबंधित रोग दूर हो जाते हैं। दिल की जलन कम हो जाती है। वात से उत्पन्न रोगों में गर्म पानी अमृत समान फायदेमंद हैं।

गर्म पानी के नियमित सेवन से ब्लड सर्कुलेशन भी तेज होता है। दरअसल गर्म पानी पीने से शरीर का तापमान बढ़ता है। पसीने के माध्यम से शरीर की सारे जहरीले तत्व बाहर हो जाते हैं।

बुखार में प्यास लगने पर मरीज को ठंडा पानी नहीं पीना चाहिए। गर्म पानी ही पीना चाहिए बुखार में गर्म पानी अधिक लाभदायक होता है।

यदि शरीर के किसी हिस्से में गैस के कारण दर्द हो रहा हो तो एक गिलास गर्म पानी पीने से गैस बाहर हो जाती है।

अधिकांश पेट की बीमारियां दूषित जल से होती हैं यदि पानी को गर्म कर फिर ठंडा कर पीया जाए तो  जो पेट की कई अधिकांश बीमारियां पनपने ही नहीं पाएंगी।

गर्म पानी पीना बहुत उपयोगी रहता है इससे शक्ति का संचार होता है। इससे कफ  और सर्दी संबंधी रोग बहुत जल्दी दूर हो जाते हैं।



दमा ,हिचकी ,खराश आदि रोगों में और तले भुने पदार्थों के सेवन के बाद  गर्म पानी पीना बहुत लाभदायक होता है।

सुबह खाली पेट एक गिलास गर्म पानी में एक नींबू मिलाकर पीने से शरीर को विटामिन सी मिलता है। गर्म पानी व नींबू का कॉम्बिनेशन शरीर के प्रतिरक्षा तंत्र को मजबूत करता है।साथ ही पी.एच. का स्तर भी सही बना रहता है।

रोजाना एक गिलास गर्म पानी सिर के सेल्स के लिए एक गजब के टॉनिक  का काम करता है। सिर के स्केल्प को हाइड्रेट करता है जिससे स्केल्प ड्राय होने की प्रॉब्लम खत्म हो जाती है।

वजन घटाने में भी गर्म पानी बहुत मददगार होता है। खाने के एक घंटे बाद गर्म पानी पीने से मेटॉबालिम्म बढ़ता है। यदि गर्म पानी में थोड़ा नींबू व कुछ बूंदे शहद की मिला ली जाएं तो इससे बॉडी स्लिम हो जाती है।

हमेशा जवान दिखते रहने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए गर्म पानी एक बेहतरीन औषधि का काम करता है।


Thursday, 5 December 2013

दमा (अस्थमा)

दमा के रोगियों को गोखरू के फल और अंजीर के फ़ल समान मात्रा में लेकर कूटना चाहिए और दिन में तीन बार लगभग 5 ग्राम मात्रा का सेवन करना चाहिए, दमा ठीक हो जाता है।

लहसुन की 2  कच्ची कलियां सुबह खाली पेट चबाने के बाद आधे घण्टे से मुलेठी नामक जड़ी-बूटी का आधा चम्मच सेवन दो महीने तक लगातार करने से दमा जैसी घातक बीमारी से सदैव की छुट्टी मिल जाती है।

अस्थमा के रोगी को यदि अजवायन के बीज और लौंग की समान मात्रा का 5 ग्राम चूर्ण प्रतिदिन दिया जाए तो काफी फ़ायदा होता है।

अस्थमा को दूर करने के लिए अडूसा की पत्तियों के रस को शहद में मिलाकर रोगी को दिया जाता है।

लगभग 50 ग्राम अंगूर का रस गर्म करके स्वास या दमा के रोगी को पिलाया जाए तो साँस लेने की गति सामान्य हो जाती है।

गेंदा के फ़ूलो को सुखा लिया जाए और इसके बीजों को एकत्र कर मिश्री के दानों के साथ समान मात्रा (5 ग्राम प्रत्येक) का सेवन कुछ समय तक दिन में दो बार किया जाए तो दमा और खांसी के मरीज को काफी फायदा होता है।

पान के पत्तों के साथ अशोक के बीजों का चूर्ण की एक चम्मच मात्रा चबाने से सांस फूलने की शिकायत और दमा में आराम मिलता है।

पालक के एक गिलास जूस में स्वादानुसार सेंधा नमक मिलाकर सेवन करने से दमा और श्वास रोगों में खूब लाभ मिलता है।

फेफड़ों पर इसके प्रभाव के चलते क्रोनिक ब्रोन्काइटिस और अस्थमा के इलाज के लिए प्राचीन काल से वच नामक जडी का प्रयोग किया जाता है। वच के टुकडों को चूसते रहने और प्रतिदिन वच की चाय पीने से असर काफी तेज होता है।

अस्थमा की समस्या से निजात पाने के लिए रोज सुबह 30 एमएल दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालकर खाएं। अस्थमा में  होने वाली सांस की परेशानी दूर होगी।




सांस लेने मे तकलीफ़ की समस्या

यदि अजवायन के बीजों को भूनकर एक सूती कपड़े मे लपेट लिया जाए और रात तकिए के नजदीक रखा जाए तो दमा, सर्दी,खांसी  के रोगियों को रात को नींद में सांस लेने मे तकलीफ़ नही होती है।

इलायची खाने से होने वाले लाभ

बड़ी इलायची खाने से खांसी, दमा, हिचकी आदि रोगों से छुटकारा मिलता है। बडी इलायची, खजूर व अंगूर की समान मात्रा लेकर, कुचलकर शहद में चाटने से खांसी, दमा और कमजोरी दूर होती है।


Wednesday, 4 December 2013

लहसुन से होने वाले लाभ

प्रतिदिन लहसुन की एक कली के सेवन से शरीर को विटामिन ए, बी और सी के साथ आयोडीन, आयरन, पोटेशियम, कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व एक साथ मिल जाते हैं।

लहसुन के नियमित सेवन से झुर्रियां कम हो जाएंगी और नए सेल्स बनने से त्वचा चमकदार बनेगी। साथ ही सेहत भी अच्छी रहेगी।

लहसुन का तेल हथेली व पैरों के तलवों पर लगाने से मच्छर पास नहीं आते व स्किन सॉफ्ट हो जाती है।

लहसुन में एंटीबैक्टिरियल तत्व पाए जाते हैं इसीलिए पिंपल्स की समस्या हो तो इसका सेवन सेहत पर बेहतर असर दिखाता है। पिंपल पर लहसुन की स्लाइस लेकर हल्के से रब करने पर पिंपल बहुत जल्दी बैठ जाता है।

लहसुन के नियमित सेवन से स्कीन में हुए संक्रमण भी समाप्त हो जाते है जैसे - रिंगवॉर्म या एथलीट फुट आदि।

लहसुन, शरीर में इन्सुलिन की मात्रा को बढ़ा देती है जिससे डायबिटीज की बीमारी में राहत मिलती है, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल सही बना रहता है।

कोलेस्ट्रॉल पेशेन्ट्स के लिए लहसुन फायदेमंद होता है। यह खून को पतला करने में सहायक होते है और शरीर में खून के थक्के बनने से रोकता है। इससे चोट लगने के बाद, खून बहने का डर भी नहीं रहता है।

लहसुन दिल को ऑक्सीजन रेडीकल्स के प्रभाव से बचाता है ताकि हार्ट को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके सल्फर युक्त यौगिक हमारी खून की वाहिकाओं को अवरूद्ध होने से बचाता है जिसकी वजह से एथ्रेरोस्लेरोसिस की दिक्कत खत्म हो जाती है। लहसुन की एंटी - क्लॉटिंग प्रॉपर्टी, रक्त वाहिकाओं में खून के थक्के बनाने से रोकती है।

सरसों के तेल में लहसुन की कलियां डालकर उबाल लें। इस तेल को कान में डालने से कानदर्द की समस्या खत्म हो जाती है।

अपने रोजाना के खाने में लहसुन शामिल कर लेने से इम्युन पॉवर बढ़ता है। अगर मौसमी सर्दी या खांसी हो जाए तो लहसुन की चाय बनाकर लेने से राहत मिलती है।

ठंड या बदलते मौसम में अक्सर किसी भी उम्र के लोगों को कफ और जुकाम जैसी परेशानी हो जाती हैं। ऐसे में अगर आप लहसुन का नियमित रूप से सेवन करते हैं तो आप ऐसी छोटी-छोटी समस्याओं से बड़ी ही आसानी से निजात पा सकते हैं।

लहसुन में एंटी - इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टी होती है जिसकी मदद से एलर्जी को दूर भगाया जा सकता है। लहसुन की एंटी - आर्थीटिक प्रॉपर्टी की सहायता से डायली सल्फाइड और थियासेरेमोनोने भी मेंटेन रहते है। इसमें एलर्जी से लडऩे वाले कई तत्व होते हैं। अगर लहसुन के जूस को पिया जाए तो रैसज या चकत्ते पडऩे की समस्या भी दूर हो जाती है।

लहसुन का नियमित सेवन करने से कैंसर होने का खतरा बहुत कम रहता है। लहसुन में एंटी - कैंसर प्रॉपर्टी पाई जाती है। 

लहसुन गम का भी काम करता है। लहसुन को क्रश करके उसका रस यदि किसी ग्लास के हेयर लाइन क्रेक पर लगाया जाए तो क्रेक भर जाता है।

सिरोसियस की समस्या में लहसुन रामबाण दवा की तरह काम करता है। सिरोसियस से प्रभावित स्थान पर लहसुन का तेल लगाने से स्किन स्मूथ और प्रॉब्लम फ्री हो जाती है।

लहसुन में डायली - सल्फाइड होता है जो फेरोपोरटिन की मात्रा को बढ़ा देता है और आयरन मेटाबोलिज्म में सुधार कर देता है।

नियमित लहसुन खाने से ब्लडप्रेशर नियमित रहता है। एसिडिटी और गैस्टिक ट्रबल में भी इसका प्रयोग फायदेमंद होता है। दिल की बीमारियों के साथ यह तनाव को भी नियंत्रित करता है।

लहसुन को दूध में उबालकर पिलाने से बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। लहसुन की कलियों को आग में भून कर खिलाने से बच्चों की सांस चलने की तकलीफ पर काफी काबू पाया जा सकता है। जिन बच्चों को सर्दी ज्यादा होती है उन्हें लहसुन की कली की माला बनाकर पहनाना चाहिए।

लहसुन के सेवन से हमेशा कामोत्तेजना बनी रहती है, क्योंकि यह बॉडी में अच्छी तरह से परिसंचरण को बढ़ाता है।

लहसुन के सेवन से वजन को घटाया जा सकता है, क्योंकि इसमें हमारे शरीर में बनने वाली वसा कोशिकाओं को विनियमित करने की क्षमता है जिससे वजन आसानी से घट जाता है।

गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए। गर्भवती महिला को अगर उच्च रक्तचाप की शिकायत हो तो, उसे पूरी गर्भावस्था के दौरान किसी न किसी रूप में लहसुन का सेवन करना चाहिए।

लहसुन के सेवन से वायरल, फंगल, यीस्ट और वॉर्म संक्रमण भी नहीं होता है। ताजे लहसुन के सेवन से फूड पॉयजिनिंग होने का खतरा नहीं रहता है।

लहसुन गठिया और अन्य जोड़ों के रोग में भी लहसुन का सेवन बहुत ही लाभदायक है।

जिनके शरीर में रक्त की कमी है, उन्हें लहसुन का सेवन अवश्य करना चाहिए, इसमें पर्याप्त मात्रा में लौह तत्व होता है जो कि रक्त निर्माण में सहायक होता है। लहसुन में विटामिन सी होने से यह स्कर्वी रोग से भी बचाता है।

लहसुन के नियमित सेवन से सांस की समस्या में आराम मिलता है, इससे सर्दी - जुकाम में राहत मिलती है। इसके एंटी - बैक्टीरियल तत्व, गले में होने वाले संक्रमण को भी दूर भगाता है। श्वास सम्बंधी कई समस्याएं जैसे - अस्थमा, सांस लेने में तकलीफ आदि के लिए लहसुन रामबाण दवा है। इसके सेवन से कई गंभीर समस्याओं का समाधान भी हो जाता है।

लहसुन खाने से बाल झडऩा बंद हो जाते हैं। लहसुन में एलिसीन की उच्च मात्रा पाई जाती है। साथ ही सल्फर भी उपस्थित होता है। लहसुन को पीसकर स्केल्प पर लगाने से भी हेयर लॉस कम हो जाता है।

लहसुन के सेवन से दांतों के दर्द में आराम मिलता है। दांतों में दर्द होने पर लहसुन को कच्चा पीसकर दांतों पर रख लें, इससे तुंरत आराम मिलेगा, क्योंकि लहसुन में एंटी - बैक्टीरियल तत्व होते है जो दांत पर सीधा प्रभाव डालते हैं।

लहसुन एक नेचुरल पेस्टीसाइड का भी काम करता है। लहसुन, मिनरल ऑइल, पानी और लिक्विड साबून को मिलाकर एक नेचुरल कीटनाशक बनाया जा सकता है। 

लहसुन की 5 कलियों को थोड़ा पानी डालकर पीस लें और उसमें 10 ग्राम शहद मिलाकर सुबह -शाम सेवन करें। इस उपाय को करने से सफेद बाल काले हो जाएंगे।

लहसुन का सेवन बच्चों के लिए भी फायदेमंद होता है। यह मौसमी बीमारियों में तो फायदेमंद होता ही है। साथ ही पांच साल तक के बच्चों में होने वाले प्रॉयमरी कॉम्प्लेक्स में यह बहुत फायदा करता है। 



उल्टी होने पर

उल्टी होने पर पकी इमली को पाने में भिगोए और इस इमली के रस को पिलाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।

लगातार उल्टी हो रही हो तो सफेद चमेली के 10 ग्राम पत्तों के रस को 2 ग्राम कालीमिर्च के चूर्ण में मिलाकर सेवन करें। उल्टी बंद हो जाएगी।

भूख ना लगने की शिकायत

पके हुए इमली के फलों को पानी के साथ मसलकर रस तैयार किया जाता है और हल्की सी मात्रा में काला नमक डालकर सेवन किया जाए तो भूख लगने लगती है। प्रतिदिन दो बार ऐसा करने से भूख ना लगने की शिकायत दूर हो जाती है।

पचास ग्राम चावल पकाएं। फिर इसमें दूध मिलाकर 20 मिनट तक रखा रहने दें। इसे खाने से भूख न लगने की परेशानी से निजात मिलती है।

पीलिया

इमली की पत्तियों और फूल को एकत्र कर पानी के साथ उबालकर काढा तैयार जाए और इसे पीलिया रोगी को दिया जाए तो उसे राहत मिलती है। माना जाता है कि इस काढे का सेवन एक सप्ताह तक प्रतिदिन दो बार करने से पीलिया में काफी फायदा करता है।

सीने में जलन



सीने में जलन होने पर पकी इमली के रस में मिश्री मिलाकर पीएं सीने की जलन कम हो जाती है।
 

बुखार

पके हुए इमली के फलों के रस की करीब 15 ग्राम मात्रा बुखार से पीडि़त रोगी को दिया जाए तो बुखार उतर जाता है। इस रस में इलायची और कुछ मात्रा में खजूर भी मिला दिया जाए तो ज्यादा असरकारक होता है।

नपुंसकता

इमली के बीज दूध में इतना उबाल लें कि उसका छिलका आसानी से उतर जाए। फिर उसका छिलका उतारकर सफेद गिरी को बारीक पीस ले और घी में भून लें, इसके बाद सामान मात्रा में मिश्री मिलाकर रख लें।रोजाना थोड़ी मात्रा में इसका सेवन करें नपुसंकता की समस्या दूर हो जाएगी।

अजवायन और इमली के बीज व गुड़ की समान मात्रा लेकर घी में अच्छी तरह भून लें।इसकी कुछ मात्रा रोजाना  लेने से पुरुषों की नपुसंकता दूर होती है।

लगभग 500 ग्राम इमली 4 दिन के लिए पानी में भिगो दें। उसके बाद इमली के छिलके उतारकर छाया में सुखाकर पीस लें। उसके बाद 500 ग्राम के लगभग मिश्री मिलाकर एक चौथाई चाय की चम्मच चूर्ण (मिश्री और इमली मिला हुआ) दूध के साथ प्रतिदिन दो बार लगभग 50 दिनों तक लेने से लाभ होगा।

नपुंसकता दूर करने के लिए पुरुषों को कच्ची भिंडी चबाना चाहिए। इस  इस समस्या में भिंडी एक बेहतरीन दवा का काम करती है।
 
प्याज के सफेद कंद का रस, शहद, अदरक रस और घी का मिश्रण 21 दिनों तक लगातार लेने से नपुंसकता दूर होकर पौरूषत्व प्राप्त होता है।
 



Thursday, 28 November 2013

मर्दाना शक्ति

पुरुषों में शक्ति और यौवन बनाए रखने के लिए उडद एक बेहतर उपाय है, इस हेतु इसकी दाल का पानी के सेवन की सलाह दी जाती है। यह भी माना जाता है कि इसकी दाल पकाकर प्रतिदिन खाना चाहिए। पोटेशियम की अधिकता की वजह से आधुनिक विज्ञान भी इसे मर्दाना शक्ति बढाने वाला मानता है।

छुई-मुई के बीजों के चूर्ण (3 ग्राम) को दूध के साथ मिलाकर प्रतिदिन रात को सोने से पहले लिया जाए तो शारीरिक दुर्बलता दूर हो जाती है।

मेथी को इस समस्या की बहुत कारगर दवा माना गया है। दो चम्मच मेथी के जूस में आधा चम्मच शहद मिलाकर उस घोलकर रोजाना रात को लेने पर इस समस्या में बहुत जल्दी आराम हो जाता है।

रोज रात को सोने से पहले लहसुन की दो कलियां निगल लें। इसके बाद थोड़ा सा पानी पीएं। आंवले के चूर्ण में मिश्री पीसकर मिलाएं। इसके बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले करीब एक चम्मच इस मिश्रित चूर्ण का सेवन करें। इसके बाद थोड़ा-सा पानी पीएं।

बहुत अधिक गरिष्ट भोजन जैसे ज्यादा ऑयली फूड , पिज्जा, बर्गर जैसे फॉस्ट फू ड भी इसका एक बड़ा कारण है। अधिक घी-दूध, मेवे-मिठाई, पौष्टिक चीजें आदि का सेवन करना भी आयुर्वेद की दृष्टी से अच्छा नहीं माना गया है।

पुर्ननवा का वानस्पतिक नाम बोहराविया डिफ्यूसा है।  पुर्ननवा की ताजी जड़ो का रस (2 चम्मच) दो से तीन माह तक लगातार दूध के साथ सेवन करने से वृद्ध व्यक्ति भी युवा की तरह महसूस करता है।

तिल का तेल भी इस समस्या में रामबाण की तरह काम करता है। तिल के तेल को जितनी मात्रा में ले उतनी ही मात्रा में लौकी का जूस भी लें। रात को सोने से पहले इस तेल के  मिश्रण की मसाज अपने सिर और बॉडी पर करें। यह एक बहुत प्रभावी नुस्खा है जो बिना बहुत अधिक खर्च किए भी आपको इस समस्या से पूरी तरह राहत दिलवाएगा।

अपचन

उडद की दाल का सेवन अक्सर करना चाहिए इसके सेवन से मल त्याग आसानी से होता है।

ल्युकोडर्मा (सफ़ेद दाग)

उड़द के आटे की लोई तैयार करके दागयुक्त त्वचा पर लगाया जाए और फ़िर नहा लिया जाए तो ल्युकोडर्मा (सफ़ेद दाग) जैसी समस्या में आराम मिलता है।

टायफाइड

एक गिलास पानी में चार-पांच लौंग डालकर उबालें। ठंडा करके दिन में दो-तीन बार सेवन करें। कुछ दिनों में पीड़ित को आराम मिलने लगेगा।

टायफाइड होने पर पीड़ित व्यक्ति को नियमित रूप से मौसंबी का जूस पीना चाहिए। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स से प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी।

डेंड्रफ, गंजापन, बालों के पकने और झडऩे की समस्या से छुटकारा

उड़द दाल को उबालकर पीस लिया जाए और इसका लेप रात सोने के समय सिर पर कर लिया जाए तो गंजापन धीरे-धीरे दूर होने लगता है और नए बालों के आने की शुरुआत हो जाती है।

जटामांसी की जड़ों को नारियल के तेल के साथ उबालकर ठंडा होने के बाद प्रतिदिन रात को सोने से पहले इससे मालिश की जाए तो असमय बालों का पकना और झडऩा रुक जाता है।

नमक का अधिक सेवन करने से गंजापन आ जाता है। नमक, काली मिर्च एक-एक चम्मच व नारियल का तेल पांच चम्मच मिलाकर गंजेपन वाले स्थान पर लगाने से बाल आ जाते हैं।

बाल झड़ते हैं तो हल्के गर्म जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बनाएं। नहाने से पहले इस पेस्ट को सिर पर लगा लें। 15 मिनट बाद बाल गुनगुने पानी से सिर को धोएं। कुछ ही दिनों बाल झडऩे की समस्या दूर हो जाएगी।

आंवला के फलों का चूर्ण दही में मिलाकर हल्के-हल्के हाथों से सिर पर मालिश करें और 5 मिनट बाद गुनगुने पानी से बालों को साफ कर लें। कुछ दिनों तक ऐसा करने से बाल स्वस्थ हो जाते हैं और डेंड्रफ भी दूर हो जाता है।

कलौंजी को पीसकर पानी में मिला लें। इस पानी से बालों को कुछ दिनों तक धोने से बाल झडऩा बंद हो जाते हैं और घने होना शुरू हो जाते हैं।

नीम की पत्तियों और आंवले के चूर्ण को पानी में डालकर उबाल लें और सप्ताह में कम से कम एक बार इस पानी से सिर को धोएं। ऐसा करने से कुछ ही समय में बाल झडऩा बंद हो जाता है।

गेंदे  के फूलों का रस नारियल तेल के साथ मिलाकर उससे हल्की-हल्की मालिश करके नहा लिया जाए तो सिर में हुए किसी भी तरह के संक्रमण, फोड़े- फुंसियों में आराम मिल जाता है।

बहेड़ा के बीजों के चूर्ण को नारियल या जैतून के तेल में मिलाकर गुनगुना गर्म किया जाए और इस तेल को बालों पर लगाया जाए तो बाल चमकदार हो जाते हैं। बालों की जड़ें भी मजबूत हो जाती हैं। बालों की समस्याओं में हर्बल जानकारों के अनुसार त्रिफला का सेवन हितकर माना गया है।

गुड़हल के रस को नहाने से 10 मिनिट पहले सिर पर लगाया जाए तो इससे बालों के काला होने में मदद मिलती है। यह एक बेहतरीन कंडीशनर की तरह काम करता है।

शिकाकाई के बीजों को कुचलकर, एक कटोरे में लेकर पानी में डुबो दिया जाए और सारी रात रख दिया जाए। सुबह इस पानी से बालों की धोया जाए तो ये एक नेचुरल शैम्पू की तरह काम करता है। आदिवासी जानकारों के अनुसार इसका इस्तेमाल बालों को चमकदार और स्वस्थ बनाने के साथ, बालों का दोमुंहा होना बंद कर देता है।

तिल के तेल से बालों की मालिश करना बेहतर माना जाता है। आदिवासी हर्बल जानकारों की मानी जाए तो तिल के तेल में थोड़ी-सी मात्रा गाय के घी और अमरबेल के चूर्ण में मिला ली जाए और सिर पर रात में सोने से पहले लगा लिया जाए तो बाल चमकदार, खूबसूरत होने के साथ घने हो जाते हैं और यही फार्मूला गंजेपन को रोकने में मदद भी करता है।

मेथी की सब्जी का ज्यादा सेवन बालों की सेहत के लिए उत्तम माना जाता है। मेथी के बीजों का चूर्ण तैयार करके पानी के साथ मिलाया जाए और पेस्ट बना लिया जाए। इस पेस्ट को सिर पर लेप करके आधे घंटे के लिए छोड़ दिया जाए और बाद में इसे धो लिया जाए। ऐसा करने से बालों से डेंड्रफ खत्म हो जाते हैं। ऐसा सप्ताह में कम से कम दो बार किया जाना चाहिए।

सहजन की पत्तियों के  रस को लगा कर प्रतिदिन नहाने से  सिर से रूसी या डेंड्रफ खत्म हो जाती है। इस रस का इस्तेमाल कम से कम एक सप्ताह तक करना जरूरी है। सहजन की फलियों को उबालकर पल्प तैयार किया जाए और नहाते वक्त इस पल्प को सिर पर शैंपू की तरह इस्तेमाल किया जाए तो यह बाजार में उपलब्ध किसी भी विटामिन ई युक्त शैंपू से बेहतर साबित होगा। आधुनिक विज्ञान भी सहजन में पाए जाने वाले विटामिन ई को बालों के लिए लाभकारी मानता है। 

अमरबेल के पौधे से रस तैयार किया जाए और सिर पर प्रतिदिन सुबह एक सप्ताह तक लगाया जाए तो सिर से डेंड्रफ  नदारद हो जाएगी, साथ ही बालों का झडऩे का सिलसिला भी कम हो जाता है। आम के पेड पर चढी हुई अमरबेल को उबालकर उस पानी से स्नान किया जाए तो गंजापन दूर होता है।


फोडे फुन्सियों, घाव और पके हुए जख्मों में आराम

फोडे फुन्सियों, घाव और पके हुए जख्मों पर उड़द के आटे की पट्टी बांधकर रखने से आराम मिलता है। दिन में 3-4 बार ऐसा करने से आराम मिल जाता है।

तिल को पीस लें। फिर इसे एक कपड़े में बांध दें। चोट लग जाने के कारण हुए घाव पर इसे पट्टी के तौर पर बांधने से घाव जल्दी भरता है।

शुगर

नारियल पानी का सेवन डायबिटिक के लिए बहुत लाभदायक है। इसमें मौजूद पोषक तत्व, शरीर में शक्कर के स्तर को नियंत्रित रखते हैं।

वजन बढाने में सहायक

दुबले लोग यदि छिलके वाली उड़द दाल का सेवन करे तो यह वजन बढाने में मदद करती है। अपनी दोनो समय के भोजन में उड़द दाल का सेवन करने वाले लोग अक्सर वजन में तेजी से इजाफा देख सकते हैं। आदिवासी जानकारी के अनुसार इसका नियमित सेवन सेहत दुरुस्त करने के अलावा वजन बढाने में सहायक होता है।

गले की खराश

तुलसी के दस पत्तों को बारीक काट लें। इसमें थोड़ा-सा शहद और मुलैठी मिला लें। थोड़ी-थोड़ी देर में खाएं। गले की खराश दूर हो जाएगी।

जोड दर्द

छिलकों वाली उडद की दाल को एक सूती कपडे में लपेट कर तवे पर गर्म किया जाए और जोड दर्द से परेशान व्यक्ति के दर्द वाले हिस्सों पर सेंकाई की जाए तो दर्द में तेजी से आराम मिलता है। आदिवासी काली उडद को खाने के तेल में गर्म करते है और उस तेल से दर्द वाले हिस्सों की मालिश की जाती है। जिससे दर्द में तेजी से आराम मिलता है। इसी तेल को लकवे से ग्रस्त व्यक्ति को लकवे वाले शारीरिक अंगों में मालिश करनी चाहिए, फायदा होता है।

इमली की पत्तियों को पानी के साथ कुचलकर लेप तैयार किया जाए और जोड़ दर्द वाले हिस्सों या सूजन पर लगाया जाए तो सूजन में तेजी से आराम मिलता है।

जोड़ों के दर्द में एक गिलास गर्म पानी में नींबू निचोड़कर दिन में 8 से 10 बार पिएं। निश्चित रूप से आराम मिलेगा।

पेट दर्द

रोजाना सुबह खाली पेट एक सेब का सेवन करना चाहिए। इससे पेट दर्द से छुटकारा मिलता है। इससे आपका पाचन तंत्र भी सुधर जाता है।

Wednesday, 27 November 2013

पेट में कीड़े होने पर

पेट में कीड़े होने पर सुबह नाश्ते के समय एक चम्मच पिसा हुआ नारियल का सेवन करने से पेट के कीड़े बहुत जल्दी मर जाते हैं।

बालों में रूसी की समस्या के लिए

नारियल के तेल में नींबू का रस मिलाकर बालों में लगाने से रूसी एवं खुश्की से छुटकारा मिलता है।

नींद न आने की समस्या

 नियमित रूप से रात के खाने के बाद आधा गिलास नारियल का पानी पीना चाहिए। इससे नींद न आने की समस्या खतम होती है और नींद अच्छी आती है।

मोटापा

मोटापा कम करने में नारियल बहुत फायदेमंद है। नारियल में कॉलेस्ट्रॉल और वसा नहीं होता है। इसलिए नारियल का सेवन करके वजन को घटाया जा सकता है।


मुहांसों से निजात

नारियल के पानी में खीरे का रस मिलाकर सुबह-शाम नियमित रूप से लगाने से चेहरे के दाग-धब्बे मिटते हैं और चेहरा सुंदर एवं चमकदार होता है। नारियल के तेल में नींबू का रस अथवा ग्लिसरीन मिलाकर चेहरे पर लेप करने से भी मुहांसे समाप्त होते हैं।

उड़द की बिना छिलके की दाल को रात को दूध में भिगो दिया जाए और सुबह इसे बारीक पीस लिया जाए। इसमें कुछ बूंदें नींबू के रस और शहद की डालकर चेहरे पर लेप किया जाए तो एक घंटे बाद इसे धो लिया जाए। ऐसा लगातार कुछ दिनों तक करने से चेहरे के मुहांसे और दाग दूर हो जाते है और चेहरे में  नई चमक आ जाती है।

याद्दाश्त

नारियल खाने से याद्दाश्त बढ़ती है। नारियल की गरी में बादाम, अखरोट एवं मिश्री मिलाकर हर रोज खाने से स्मृति में बढ़ती है। बच्चों को नारियल खिलाना चाहिए, इससे बच्चों का दिमागी विकास होता है।

Tuesday, 26 November 2013

पेट से जुड़ी बीमारियां

पेट से जुड़ी दो-तीन खराब बीमारियां हैं, जैसे बवासीर, पाइल्स, हेमोरॉइड्स, फिसचुला, फिसर... इन सबके लिए मूली का रस बेहद कारगर है। एक कप मूली का रस पिएं। ऐसा खाना खाने के बाद (सुबह, दोपहर, शाम कभी नहीं) न करें, हर तरह का बवासीर सही हो जाता है। भगंदर, फिसचुला, फिसर भी इससे ठीक होता है। अनार का रस भी इसी तरह से ले सकते हैं।

बाल झड़ना

बालों को मजबूत करने के लिए नारियल के तेल में कुछ बूंदें नींबू के रस की मिलाकर रोजाना सिर की मालिश करने से बाल झड़ना कम होते हैं।

पाइल्स

पाइल्स से परेशान हों तो दूध का ताजा मक्खन और काला तिल लगभग एक ग्राम मिलाकर खाएं। नियमित सेवन करने से काफी फायदा होगा।

उडद की दाल का सेवन अक्सर करना चाहिए।

खांसी या जुकाम की समस्या

यदि खांसी से परेशान हों तो सौंफ काफी फायदा दे सकती है। 10 ग्राम सौंफ के अर्क को शहद में मिलाकर लीजिए। इससे खांसी आनी बंद हो जाएगी।

सर्दियों में यदि खांसी, बुखार या जुकाम की समस्या हो तो नमक या चीनी मिलाकर पुदीने के पत्तों की चाय पीएं। आपकी ये समस्याएं दूर हो जाएंगी।

पथरी

पित्त पथरी के मरीज हैं तो भोजन में ज्यादा से ज्यादा हरी सब्जियों का सेवन करें। इसमें कॉलेस्ट्रॉल कम होता है और प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलता है।

लो ब्लड प्रेशर

50 ग्राम चने और 10 ग्राम किशमिश को रात में पानी में भिगो दें। इसे सुबह चबा-चबाकर खाएं। सप्ताहभर ऐसा करने से लो ब्लड प्रेशर से राहत मिलेगी।

नकसीर (नाक से खून आना)

पानी में थोड़ी-सी फिटकरी घोल लें। इस पानी को नाक में डालने से नकसीर (नाक से खून आना) की समस्या से निजात मिलेगी।

नाक से खून निकलने पर कच्चे नारियल का पानी का सेवन नियमित रूप से करना फायदेमंद होता है। अगर खाली पेट नारियल का सेवन किया जाए तो खून का बहाव बंद हो जाता है।

Monday, 18 November 2013

इंफेक्शन

यूरिन इंफेक्शन होने पर जौ का पानी पीएं। जौ का पानी एसिड को घटाकर पेट को राहत पहुंचाता है और जलन कम हो जाती है।

ब्लड प्रेशर

उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण करने के लिए रोजाना सुबह लहसुन की दो कलियों को पानी के साथ चबाकर खाएं। सप्ताह में तीन बार लेने से रक्तचाप कम होगा।

कोलेस्ट्रॉल

रात को खड़े धनिया को पानी में भिगोकर रख दें। इस पानी को सुबह उठकर पी लें। धनिया भी चबाकर खाएं। ऐसा करने से कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होगा।

पुराने गठिया रोग

गाउट और पुराने गठिया रोग में अदरक एक अत्यन्त लाभदायक औषधि है। अदरक लगभग (5 ग्राम) और अरंडी का तेल (आधा चम्मच) लेकर दो कप पानी में उबाला जाए ताकि यह आधा शेष रह जाए। प्रतिदिन रात्रि को इस द्रव का सेवन लगातार किया जाए तो धीमें धीमें तकलीफ़ में आराम मिलना शुरू हो जाता है। आदिवासियों का मानना है कि ऐसा लगातार 3 माह तक किया जाए तो पुराने से पुराना जोड़ दर्द भी छू-मंतर हो जाता है।

गठिया के मरीजों को दर्द से प्रभावित हिस्से की कैस्टर ऑइल से मसाज करनी चाहिए। इससे जोड़ों की तकलीफ कम हो जाएगी और सूजन से भी राहत मिलेगी।

पतला दस्त

दो चम्मच कच्ची सौंफ और 5 ग्राम अदरक एक ग्लास पानी में डालकर उसे इतना उबालें कि एक चौथाई पानी बच जाए। एक दिन में 3-4 बार लेने से पतला दस्त ठीक हो जाता है। गैस और कब्ज में भी लाभदायक होता है।

दस्त होने के हालात में कच्चे अदरक को चबा लिया जाए और हर 2- 2 घंटे के अंतराल से चबाया जाए तो बहुत जल्द आराम मिलता है।

दांत दर्द

दांतो में दर्द होते समय अदरक के छोटे टुकड़े दांतो के बीच में दबाकर रखने से दांतो में होने वाला दर्द खत्म हो जाता है, सूखे अदरक या सोंठ के चूर्ण में थोडा सा लौंग का तेल मिलाकर दांतो पर लगाया जाए तो भी दर्द छू मंतर हो जाता है।

मोच

मोच आ जाए तो अदरक का लेप लगाकर रखा जाए, जब लेप सूख जाए तो इसे साफ करके गुनगुने सरसों के तेल से मालिश करनी चाहिए, दिन में दो बार दो दिनों तक किया जाए, मोच का असर खत्म हो जाता है।

सूजन और दर्द

ताजे अदरक को पीसकर या कुचलकर लेप तैयार कर लिया जाए और इसमें थोडा सा कर्पूर भी मिला लिया जाए और सूजन और दर्द वाले अंगों पर लगाया जाए तो दर्द कम हो जाता है और सूजन भी कम हो जाती है।

मोटा होने के लिये

भोजन से 15 मिनिट पहले अदरक का एक टुकडा जरूर चबाना चाहिए

Wednesday, 13 November 2013

डायबीटीज

जामुन के बीज डायबीटीज में बहुत लाभदायक साबित होते हैं। जामुन की पत्तियों को चूसने से भी डायबीटीज में राहत मिलती है। जामुन का जूस भी लेना फायदेमंद होता है।

जामुन की गुठलियों को साफ करके इन्हें सुखा लें। गुठलियों को पीसकर इसका पाउडर बना लें। रोज एक चम्मच पानी के साथ खाने से डायबिटीज काबू में रहती है।

रोजाना तुलसी की पांच पत्तियां खाने से भी डायबीटीज कंट्रोल हो जाती है।

कैक्टस का जूस डायबीटीज के रोगियों के लिए लाभदायक होता है। कैक्टस का जूस ब्लड शुगर लेवल को स्थिर रखता है।

नीम भी डायबीटीज में रामबाण दवा है। नीम का सत्व या जूस सुबह लेने से डायबिटीज नियंत्रण में रहती है। साथ ही खून साफ होता है व स्किन प्रॉब्लम्स भी नहीं होती हैं।

अधिकतर लोग ईसबगोल का सिर्फ एक गुण जानते हैं वो है कब्ज मिटाना। मगर ईसबगोल डायबीटीज पेशन्ट्स के लिए भी बहुत लाभदायक होता है। रोजाना ईसबगोल लेने से पेट भी साफ रहता है व डायबीटीज भी कंट्रोल में रहती है।




Sunday, 10 November 2013

अकरकरा

अकरकरा की जडों और फूलों का काढा मर्दांनगी बढाने में मददगार होता है, आदिवासियों के अनुसार प्रतिदिन इसके काढे की 4ग्राम मात्रा रात सोने से पहले लिया जाए तो फायदा होता है।

पातालकोट के आदिवासी मानते है कि अगर बच्चे की जीभ मोटी होने की वजह वह ठीक से ना बोल पाए तो उसे शहद के साथ अकरकरा के सूखे फ़ूलों का चूर्ण लगभग 250 मि.ग्रा दिन में दो बार चटाएं और उसकी जीभ पर चूर्ण मलें।

अश्वगंधा, पुनर्नवा और अकरकरा की समान मात्रा मिलाकर दिन में 2 बार सेवन किया जाए तो यह शरीर को मजबूती प्रदान करता है।

गर्म मसाला या मसाले के रूप में अकरकरा का प्रयोग करने से गैस नहीं बनती, भोजन समय पर ठीक से पच जाता है। आदिवासी अक्सर मसाले के तौर पर इसके सूखे फूलों का उपयोग करते हैं।

अकरकरा और कपूर की बराबर मात्रा लेकर दांतों  पर मंजन करने से दांत दर्द दूर हो जाता है और मसूढ़ों का ढीलापन भी मिटता है।

धुम्रपान से काले हुए होंठों को लाल या सामान्य करने के लिए अकरकरा और राई की समान मात्रा पीसकर दिन में तीन चार बार लगाते रहने से कुछ ही दिनों में होठों का रंग सामान्य हो जाता है।
अकरकरा का उपयोग मिर्गी रोग के इलाज के लिये करते है, उनके अनुसार अकरकरा की 100 ग्राम मात्रा लेकर उसे सिरके मे घोंटे और इसमें 100 ग्राम शहद मिला लिया जाए। इस मिश्रण का लगभग 5  ग्राम प्रतिदिन प्रात:काल में रोगी को चटाया जाए तो मिरगी का रोग दूर होता है।



करेला

मलेरिया से बचाएगा करेला...
 
करेला खाने से खून साफ होने के साथ ही डायबिटीज से लड़ने की शक्ति भी मिलती है। 
 
क्यों खाएं...
 
1. करेले में एंटीहेलेमेंटिक तत्व पाए जाते हैं। इससे पेट की कई परेशानियां दूर होती हैं। इससे शरीर में पाए जाने वाले पैरासाइटिक वॉर्म्स भी मर जाते हैं। करेले के सेवन से पेटदर्द और गैस जैसी शिकायत नहीं होती।
 
करेला खाने से मलेरिया के रोगाणुओं के बढ़ने की गति कम होती है और वे धीरे-धीरे मर जाते हैं। इसके साथ ही चिकनपॉक्स के लिए जिम्मेदार वायरस को भी करेले के सेवन से कम किया जा सकता है। 
 
इसमें पाए जाने वाले कैरेटिन से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा नियंत्रित रहती है। यह आपके शरीर की इंसुलिन सेंसिटीविटी को बढ़ाता है। इससे डायबिटीज के रोगियों को बहुत लाभ होता है।

कितना खाएं : रोजाना आधा गिलास रस फायदा पहुंचाएगा। ऐसा न कर पाने पर सप्ताह में कम से कम तीन बार करेले का रस जरूर पीएं। ज्यादा परेशानी महसूस करने पर करेले की चटपटी सब्जी बनाकर खाना भी लाभदायक होता है।
 
सबसे पहले करेला भारत में ही पैदा किया गया था। जापान में करेले का सॉफ्टड्रिंक भी मिलता है।

बादाम

बादाम के सेवन से बढ़ेगी हमारी मैमोरी..
 
रोजाना तीन से चार बादाम खाना दिमाग के लिए लाभकारी होता है। इससे मैमोरी बढ़ती है और बाल भी मजबूत होते हैं। 
 
क्यों खाएं...
 
1. बादाम में पाया जाने वाला विटामिन ई दिल के रोगों को कम करने में लाभदायक होता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व कोलेस्ट्रॉल को कम करते हैं, जिससे पूरे शरीर की सेहत अच्छी रहती है। 
 
2. बादाम में पाया जाने वाला रीबोफ्लेवीन और एल कैरनीटिन दिमाग की सेहत के लिए बहुत अच्छा होता है। इससे दिमाग की एक्टिविटी में बढ़ोतरी होती है और अल्जाइमर का खतरा कम होता है। 
 
3. बादाम एल्केलाइन बनाने वाले प्रोटीन का सोर्स होता है। इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। कम वजन वाले लोगों के लिए भी बादाम लाभदायक है। 

कितना खाएं : दिन में तीन से चार बादाम खाना लाभकारी होता है। बालों में बादाम का तेल लगाने से बालों की सेहत सुधरती है। 
 
अमेरिका बादाम का सबसे बड़ा उत्पादक है। छिलके वाले बादाम दो साल तक फ्रिज में फ्रेश रहते है। 


अमरूद

अमरूद के सेवन से सुधरेगा हाजमा अमरूद खाने से पाचन ठीक होने के साथ ही डायबिटीज भी नियंत्रित होती है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है। 
 
क्यों खाएं...
 
अमरूद में पाए जाने वाले फाइबर की मदद से डायबिटीज से लड़ने की क्षमता मिलती है। इससे पाचन तंत्र बेहतर होता है और त्वचा का रंग निखरता है।  

कितना खाएं : 
 
1. रोजाना एक अमरूद खाना सेहत कि लिए लाभदायक होता है। अमरूद की चटनी बनाकर खाने से भी फायदा होता है। अमरूद को दूसरे फलों के साथ भी खाया जा सकता है।
 
2.  इसमें पाए जाने वाले विटामिन सी की मदद से आंखों की रोशनी बढ़ती है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाते हैं। इससे बीमारी से लड़ने की क्षमता मिलती है। 
 
3. अमरूद में पाया जाने वाला मैग्नीशियम मसल्स को रिलेक्स करता है। थका देने वाले काम के बाद अमरूद खाने से अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है। 
 
अमरूद की 170 से अधिक प्रजातियां होती हैं। एक अमरूद में औसतन 100 बीज होते हैं। 

अंगूर

अंगूर से ठीक होंगी आंख: 
 
दिन में आधा गिलास अंगूर का जूस पीने से आंखों, किडनी और दिल की बीमारियों से बचा जा सकता है। 
 
क्यों खाएं...
 
1. अंगूर के रस को सुबह पीने से माइग्रेन की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। अंगूर में पाया जाने वाला रेस्वेरेट्राल बुढ़ापे में होने वाले मैमोरी लॉस या अल्जाइमर की समस्या से भी बचाता है। 
 
2 . डाइट में अंगूर को शमिल करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है। अंगूर में ल्यूटिन और जैक्सेथिन की मात्रा अधिक होती है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए कारगर है। 
 
3 . अंगूर दिल को सेहतमंद बनाने में भी मदद करता है। इसमें पाया जाने वाला पेट्रोस्टिबन कोलेस्ट्रॉल के बुरे प्रभाव को कम करता है। अंगूर शरीर में यूरिक एसिड को कम करता है, जिससे किडनी अच्छे से काम करती है। 

कितना खाएं : दिन में एक कटोरी अंगूर खाना स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभदायक होता है। आधा गिलास अंगूर का रस भी लाभकारी होगा।
 
अंगूर की आठ हजार प्रजातियां सात रंगों में पाई जाती हैं।
 
अंगूर में 80 फीसदी पानी होता है।


मूली का रस

पेट से जुड़ी दो-तीन खराब बीमारियां हैं, जैसे बवासीर, पाइल्स, हेमोरॉइड्स, फिसचुला, फिसर... इन सबके लिए मूली का रस बेहद कारगर है। एक कप मूली का रस पिएं। ऐसा खाना खाने के बाद (सुबह, दोपहर, शाम कभी नहीं) न करें, हर तरह का बवासीर सही हो जाता है। भगंदर, फिसचुला, फिसर भी इससे ठीक होता है। अनार का रस भी इसी तरह से ले सकते हैं।

चुकंदर

हाइ ब्लड प्रेशर से लड़ने का जबरदस्त हथियार है चुकंदर। 500ml चुकंदर जूस हर रोज पीकर हाइ ब्लड प्रेशर और बाकी हेल्थ प्रॉब्लम (हार्ट संबंधी) को दूर किया जा सकता है।

दस्त

आधा चम्मच जीरा चबाकर खाएं व गुनगुना पानी के साथ उसे गटक लें। ऐसा करने से दस्त एकदम बंद हो जाता है।

अगर दस्त बहुत ज्यादा हो रहा हो या मिनट-मिनट के अंतराल पर टॉइलेट जाना पड़ता हो तो आधा कप कच्चा दूध लें, (ध्यान रहे इसे गर्म न किया गया हो) और उसमें नींबू डालकर जल्दी से पी लें। दूध को फटने से पहले पीना है। ऐसा एक बार ही करने से खतरनाक दस्त भी ठीक हो जाएगी।

बेल के पेड़ पर लगने वाले फल का गुदा चबाकर खाएं और थोड़ा पानी पी लें, इससे भी दस्त सही हो जाती है। बाजार में बेल का पाउडर भी मिलता है, यह पाउडर एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ पीना भी इस दशा में लाभकारी है।

250 एमएल कच्चे दूध में एक चम्मच चीनी मिला लें। इसमें एक नींबू का रस मिलाएं। दूध फट जाए तो उसे पी लें। ऐसा करने से दस्त की परेशानी कम होगी। 

आधा चम्मच जीरा चबाकर खाएं व गुनगुना पानी के साथ उसे गटक लें। ऐसा करने से दस्त एकदम बंद हो जाता है।


Friday, 8 November 2013

माइग्रेन के लक्षण और इससे बचाव के आसान उपाय

माइग्रेन एक सिरदर्द का रोग है। इसमें सिर के आधे भाग में भीषण दर्द होता है। इसका कोई इलाज नहीं है, किंतु इससे असरदार तरीके से निपटा जा सकता है। इस रोग में कभी कभी सिर के एक हिस्से मेंबुरी तरह धुन देने वाले मुक्कों का एहसास होता है, और लगता है कि सिर अभी फट जाएगा।
सिर में बार-बार होने वाला दर्द माइग्रेन का लक्षण हो सकता है। कुछ लक्षणों की तरफ ध्यान देने से इस परेशानी से बचा जा सकता है। अगर इन लक्षणों पर ध्यान देकर कुछ खास सावधानी बरतें तो माइग्रेन की समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।
अक्सर होने वाले सिरदर्द की तरफ ध्यान न देना खतरनाक साबित हो सकता है। दर्द की बार-बार शिकायत होने के पीछे माइग्रेन बड़ा कारण हो सकता है। 

अधिकतर मामलों में माइग्रेन बचपन से ही व्यक्ति को परेशान करना शुरू कर देता है। कुछ मामलों में यह युवा अवस्था में दस्तक देता है। इसकी चार अवस्थाएं होती हैं। किसी भी व्यक्ति को चारों में से एक अवस्था का सामना करना ही पड़ता है। इन विशेष तरीकों से माइग्रेन का पता लगाया जा सकता है। 

सिरदर्द होने पर दर्द के दौरान होने वाले लक्षणों को लिखें। इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि आप वाकई में माइग्रेन का शिकार हैं या नहीं।
घर वालों से पूछें : परिवार के कुछ सदस्यों से यह पूछें कि क्या उन्हें भी कभी ऐसी समस्या हुई है। यदि ऐसा है है तो आपको भी माइग्रेन का खतरा है।

माइग्रेन के पीछे जैनेटिक कारणों के साथ प्राकृतिक अवस्थाएं भी जिम्मेदार होती हैं। इसके अलावा दिमाग में पाया जाने वाला सेरोटोनिन भी माइग्रेन के लिए जिम्मेदार होता है। इससे सिरदर्द को बढ़ावा मिलता है। 

माइग्रेन का दर्द बढ़ने के कुछ महत्वपूर्ण कारण होते हैं। इसमें अनियमित भोजन, तनाव, सोने?जागने के समय में अंतर, वातावरण में अचानक बदलाव और अधिक दवाएं लेना शामिल हो सकता है।

रोजना की डाइट में पचने में आसान खाने को शामिल करें। इसके साथ ही कम से कम सात घंटे की नींद जरूर लें। रोजाना कम से कम आधा घंटा एक्सरसाइज के साथ योगा भी करें। सप्ताह में तीन से चार बार ध्यान की स्थिति में जाएं। ऐसा करने से आपका दिमाग रिलैक्स होगा और माइग्रेन से निटपने में मदद मिलेगी। 

माइग्रेन का खतरा उन लोगों को सबसे अधिक होता है, जिनके घर में भी इसके मरीज होते हैं। इसके साथ ही उम्र के 40वें वसंत में पहुंचने के बाद बहुत से माइग्रेन के रोगियों को इसके अटैक आने शुरू हो जाते हैं।

माइग्रेन का दर्द होने पर पुदीने की ताजी पत्तियों को उबालकर मिंट टी बनाएं। इसे पीने से दर्द में काफी राहत मिलती है।


Thursday, 7 November 2013

बालों के झङऩे पर

बालों के झङऩे पर सिर में नींबू के रस में दो गुना नारियल का तेल मिलाकर उंगलियों पोरों से धीरे-धीरे बालों की जङों में मालिश करने से आपके बाल झङने बन्द हो जाएंगे।

दांत दर्द

कीढ़ा लगे दांत में थोड़ा सी हींग भर देने से दांत व दाढ़ का दर्द दूर हो जाता है। थोड़ी सी हींग को पानी में उबालकर उस पानी से कुल्ला करने से भी दांत दर्द में आराम मिलता है।

आंखों की प्रॉब्लम्स

बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। रोज इस मिश्रण को एक चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।आंखों की प्रॉब्लम्स दूर हो जाएंगी।

मेथी दाना के फायदे

1 चम्मच मेथी दाना को पानी के साथ निगलने से अपचन की समस्या दूर होती है। मेथी के बीज आर्थराइटिस और साईटिका के दर्द से निजात दिलाने में मदद करते हैं। करीब 1 ग्राम मेथी दाना पाउडर और सोंठ पाउडर को मिलाकर थोड़े से गर्म पानी के साथ दिन में दो-तीन बार लेने से लाभ होता है।

खूनी बावासीर

सौंफ, जीरा और धनियां सब 1-1 चम्मच लेकर 1 गिलास पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं। आधा गिलास पानी बच जाने पर उसमें एक चम्मच गाय का घी मिलाकर सुबह-शाम पीएं खूनी बावासीर में रक्त गिरना बंद हो जाता है।

वीर्यवृद्धि के लिए

वीर्यवृद्धि के लिए सफेद प्याज के रस के साथ शहद लेने पर फायदा होता है।

मुंह के छाले

मुंह के  छाले की समस्या परेशान कर रही हो तो दिन में कम से कम तीन बार कच्चे दूध से अच्छी तरह से गरारे करें, छाले मिट जाएंगे।

मुंह में छाले हो गए हों तो चमेली के नर्म पत्ते ले आएं। इन पत्तों को धोकर धीरे-धीरे चबाएं। इससे मुंह के छाले पूरी तरह से समाप्त हो जाएंगे।

स्तनों के दूध में बढ़ोतरी

सफेद जीरे को घी में भूनकर इसका हलुआ बनाकर प्रसुता को खिलाने से स्तनों के दूध में बढ़ोतरी होती है।

चेहरे के दाग-धब्बे

1/2 चम्मच चिरौंजी को 2 चम्मच दूध में भिगोकर पीसकर पेस्ट बनाकर लगाएं। 15 मिनट बाद धो लें। इसे नियमित रूप से डेढ़ महीने लगाए जाने पर रंग निखरता है व चेहरे के दाग-धब्बे दूर हो जाते हैं।

पेचिश

मेथी का चूर्ण दही में मिलाकर सेवन करने से पेचिश दूर होती है।मेथी के पत्तों के रस में काली दाख मिलाकर सेवन करने से पेचिश का कष्ट दूर होता है।


डायबिटीज व मोटापा

दस ताजे हरे करी पत्तों को सुबह खाली पेट खाएं। तीन महीनों तक नियमित रूप से ये प्रयोग करने पर डायबिटीज कंट्रोल में आ जाती है व मोटापा घटने लगता है।

पथरी

जीरे को मिश्री की चाशनी बनाकर उसमें या शहद के साथ लेने पर पथरी घुलकर पेशाब के साथ बाहर निकल जाती है।

एक्जिमा

चंदन पाउडर में दूध और गुलाब जल मिलाकर पेस्ट बनाएं। एक्जिमा के स्थान पर लगाएं। सूखने पर गुनगुने पानी से नहाएं। कुछ दिनों में एक्जिमा ठीक होगा।

बुखार में तुरंत आराम

शरीर में बुखार होने की वजह से जलन होने पर पलाश के पत्तों का रस लगाने से जलन का असर कम हो जाता है।

पुर्ननवा की जड़ो को दूध में उबालकर पिलाने से बुखार में तुरंत आराम मिलता है। बुखार के दौरान अल्पमूत्रता और मूत्र में जलन की शिकायत से छुटकारा पाने के लिए भी यही मिश्रण कारगर होता है।

ठंड में बुखार आने पर आजवाइन के चूर्ण का आधा चम्मच दिन में तीन बार खाइए। जल्द ही राहत मिलेगी और बुखार उतर जाएगा।

दाद-खाज और खुजली होने पर

दाद होने पर सूखी नीम व हल्दी पाउडर समान मात्रा में सरसों के तेल में मिलाएं। इसे एक घंटा लगाकर धो लें। दाद ठीक होने तक रोज लगाएं।

प्याज के बीजों को सिरका में पीसकर प्राप्त रस को दाद-खाज और खुजली में लगाने पर अतिशीघ्र आराम मिलता है।

पसलियों का दर्द

 हींग को गर्म पानी में घोलकर पसलियों पर लेप करने से पसलियों का दर्द खत्म हो जाता है।

धूल

यदि आपकी आंखों में डस्ट पार्टिकल्स चले गए हों तो आंखें बंद करके थोड़ी देर जानबूझकर खांसें। धूल का कण निकल जाएगा। 

पक्षाघात

तिल के तेल में कालीमिर्च पाउडर मिलाकर गर्म करें। इससे पक्षाघात में निष्क्रिय हुए हिस्सों की नियमित रूप से मालिश करें। फायदा नजर आएगा।

मुंहासे

संतरे के छिलकों का महीन चूर्ण बनाकर उसमें गुलाब जल मिलाकर चेहरे पर लगाएं। गुलाब जल मेंचेहरे के मुंहासे नष्ट होते हैं और चेचक के दाग भी दूर होते हैं।

जुकाम होने पर

जुकाम होने पर अदरक पाउडर, घी और गुड़ समान मात्रा में लेकर मिलाएं और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। जुकाम जल्द ही ठीक हो जाएगा।

सिरदर्द में जल्द आराम

दो-चार लौंग पीसकर उसका सिर पर लेप लगाने से सिरदर्द में जल्द आराम मिलता है। नमक में दो बूंद लौंग का तेल डालकर उस पेस्ट को सिर पर लगाएं बहुत जल्दी आराम मिलेगा।

पुदीना सिरदर्द की समस्या में एक रामबाण औषधि माना जाता है। पुदीने का रस थोड़ी मात्रा में लिया जाए या पुदीने की चाय पी जाए तो सिरदर्द में तुरंत राहत मिलती है। इसके अलावा अगर सिरदर्द बहुत ज्यादा तेज हो तो पुदीना का तेल हल्के हाथों से सिर पर लगाने से सिरदर्द बंद हो जाता है।

सुबह खाली पेट प्रतिदिन एक सेब खाने से सिरदर्द की समस्या से छुटकारा मिलता है। कच्चे अमरूद को पीसकर सूर्योदय से पहले सिर पर लेप लगाने से लाभ होता है।

नारियल तेल में बादाम को मिलाकर तथा बारीक पीसकर सिर पर लेप लगाना चाहिए। इससे सिरदर्द में तुरंत आराम होता है।


रूखी और बेजान स्किन

स्किन रूखी और बेजान लगती हो तो जौ का आटा, हल्दी, सरसो का तेल पानी में मिलाकर उबटन बना लें। रोजाना शरीर में मालिश कर गुनगुने पानी से नहाएं। दूध को केसर में मिलाकर पीएं, रूप निखर जाएगा।

जोड़ों के दर्द में आराम

रोजाना सुबह एक से दो लहसुन की साबूत कलियां पानी से निगल लेने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।

हाथ जल जाने पर

अचानक हाथ जल जाने पर बहुत तेज जलन होने की स्थिति में प्याज को आधा काटकर जलन वाले स्थान पर लगाएं। जलन कम होगी।

जलन

धनिया और जीरा और चीनी तीनों को बराबर मात्रा में मिलाकर सेवन करने से अम्लपित्त या एसिडिटी के कारण होने वाली जलन शांत हो जाती है।

शरीर में किसी भी भाग या हाथ-पैर में जलन हो तो तरबूज के छिलके के सफेद भाग में कपूर और चंदन मिलकर लेप करें। जलन से शांति मिलेगी।

मोच दर्द से राहत

पान के पत्तों पर हल्का-सा तेल लगा लें। फिर गैस पर गर्म करें। इसे मोच वाले स्थान पर लगाने से दर्द से राहत मिलती है और सूजन भी कम होगी। 

चोट लगने या मोंच आने पर  इमली के पत्तों को पानी में उबालकर, उस पानी से सिकाई करने पर बहुत जल्दी राहत मिलती है।

चेहरे की लालिमा

व्हीट-ग्रास का जूस सुबह खाली पेट पीने से  चेहरे की लालिमा बढ़ जाती है और खून भी साफ होता है।

अगर चेहरे की चमक बढ़ानी हो तो गाजर को कीस लें। इसमें थोड़ा-सा शहद मिलाकर चेहरे पर लगाएं। थोड़ी देर बाद सादे पानी से धो लें।

गाजर को सलाद के साथ रोजाना खाएं। हो सके तो गाजर का एक गिलास रस सप्ताह में तीन दिन जरूर पीएं। त्वचा के रोगों से मुक्ति मिलेगी और रंग भी निखरेगा।

पीच को मैश करके शहद के साथ चेहरे पर लगाने से तैलीय त्वचा को फायदा मिलने के साथ की झुर्रियों से भी बचाव होता है। त्वचा का रंग भी निखरता है।

मटर के दानों को भून लें। इसमें चंदन पाउडर और थोड़ा-सा दूध मिलाकर पेस्ट बना लें। सप्ताह में तीन बार चेहरे पर लगाने से त्वचा का रंग निखरेगा।